नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद एक और ऐतिहासिक फैसला हुआ है।
आज जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद एक और महत्वपूर्ण दिन आया है जैसा कि आज लोकसभा ने जम्मू कश्मीर आधिकारिक भाषा अधिनियम पारित कर दिया है। इस दौरान देश के गृहमंत्री अमित शाह ने खुशी जताई है।
शाह ने कहा कि “जम्मू कश्मीर आधिकारिक भाषा (संशोधन) विधेयक का लोक सभा में पारित होना जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। इस ऐतिहासिक बिल से J&K के लोगों का लंबे समय से प्रतीक्षित सपना सच हो गया है!”
आगे कहा कि “कश्मीरी, डोगरी, उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी अब J&K की आधिकारिक भाषाएँ होगी। इस अभूतपूर्व विधेयक के माध्यम से ‘गोजरी’, ‘पहाड़ी’ और ‘पंजाबी’ जैसी प्रमुख क्षेत्रीय भाषाओं के विकास के लिए विशेष प्रयास किया जाना भी प्रस्तावित है।”
शाह ने कहा “साथ ही इस बिल से जम्मू कश्मीर कला, संस्कृति तथा भाषा अकैडमी जैसे अन्य वर्तमान संस्थागत ढाँचे को सुदृढ़ किया जाएगा। यह बिल जम्मू-कश्मीर की संस्कृति को पुनर्स्थापित करने के लिए नरेंद्र मोदी की कटिबद्धता को दर्शता है, इसके लिए उनका आभार व्यक्त करता हूँ।”
अंत में बोले “साथ ही मैं जम्मू-कश्मीर के बहनों और भाइयों को विश्वास दिलाता हूँ कि मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर के गौरव को वापस लाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।”
कैबिनेट की मंजूरी पर मंत्री ये बोले थे:
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बिल को कैबिनेट की मंजूरी पर कहा था कि “सरकार ने डोगरी, हिंदी और कश्मीरी को जम्मू कश्मीर में आधिकारिक भाषाओं के रूप में शामिल करने के लिए क्षेत्र की लंबे समय से लंबित मांग को स्वीकार कर लिया है।”
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