भोपाल: मध्यप्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ विधानसभा में बिल पारित कर दिया गया है जोकि अब पुराने कानून की जगह ले लेगा।
विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंक-झोंक और कांग्रेस विधायकों के हंगामे के बीच लव जिहाद के खिलाफ शिवराज सरकार द्वारा बनाया गया धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2021 पारित हो गया।
ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में बीते 1 मार्च को प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने यह विधेयक चर्चा के लिए पटल पर रखा था। विधानसभा में इस पर सोमवार को चर्चा हुई।
गृहमंत्री कांग्रेस पर भड़के:
इस दौरान गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर उनके सम्मान की रक्षा करने वाला धर्म स्वातंत्र्य विधेयक विधानसभा में पारित होना हर्ष और गौरव की बात है। प्रदेश में बहला-फुसलाकर, डरा-धमकाकर धर्मांतरण के लिए होने वाले शादी-विवाह पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए सरकार ने कड़ा कानून बनाया है।
कांग्रेस पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि महिला दिवस पर बेटियों की सुरक्षा से जुड़े धर्म स्वातंत्र्य विधेयक पर कांग्रेस का विरोध उसके असल चरित्र को उजागर करता है। इससे उसकी महिलाओं के प्रति सोच पता चलती है। CAA पर भी उसने देश में भ्रम फैलाया था। उसका रवैया बेहद दुखद और अफसोसनाक है।
मुख्यमंत्री की चेतावनी
वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिल पर कहा है कि लोभ, दबाव और भय के कारण होने वाले धर्मान्तरण को रोकने के लिये अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मध्यप्रदेश को धर्म स्वातंत्र्य एक्ट के रूप में सबल कानून मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कानून के अंतर्गत बहला-फुसलाकर बेटियों से विवाह कर फिर धर्मान्तरण कराने वाले व्यक्तियों के लिये सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। कानून के माध्यम से विशेष रूप से बेटियों के जीवन को नर्क बनने से बचाया जा सकेगा। विधानसभा में इस कानून के पारित होने पर मैं बधाई देता हूँ।
आगे मुख्यमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि बेटियों को लोभ देकर, उन पर दबाव बनाकर, उन्हें भयाक्रांत कर शादी करके धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों को चेतावनी देता हूँ, अब मध्यप्रदेश की धरती पर उन्हें चैन से नहीं जीने दिया जाएगा।बेटियों के जीवन को तबाह करने की नीयत रखने वालों को ही तबाह कर दिया जायेगा!
गौरतलब है कि इस कानून के बाद धर्म परिवर्तन करा कर शादी करना गंभीर अपराध होगा। इसमें मुख्य प्रावधान हैं: 1. 10 साल तक की सज़ा का प्रावधान। 2. नए कानून के तहत शादी के लिए 1 महीने पहले DM के दफ़्तर में लिखित आवेदन देना होगा।