भोपाल: मध्य प्रदेश के धार जिले के मेहगांव में श्रीराम मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित अजय दुबे और उनके बेटे शशांक दुबे की मौत ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है। अजय दुबे का शव से एक पांव और एक हाथ गायब था तो वहीँ शशांक दुबे का शव भी सड़ी गली हालत में बरामद हुआ है। परिवार ने इसे एक सुनियोजित हत्या बताया है, जिसमें गौरीशंकर पाटीदार, मनीष पाटीदार, प्रज्ञा पाटीदार, भूपेन्द्र पाटीदार, दर्शना पाटीदार, और आशीष पाटीदार का नाम सामने आया है। पुलिस ने 6 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर कार्यवाई शुरू कर दी है।
क्या था मामला
नियो पॉलिटीको से बातचीत में अजय दुबे के भाई ने बताया कि दोनों को धार पुलिस ने एक फर्जी मामले में थाने बुलाया था इस मामले में जबरन पिता पुत्र से 10 लाख मांगे जा रहे थे। साथ ही दोनों की पुलिस स्टेशन पाइप से पिटाई भी की गई थी। यह मामला गाँव के ही एक परिवार द्वारा दर्ज कराया गया था जो जबरन पुजारी से पैसे ऐंठना चाहता था।
बता दें कि मृतक शशांक दुबे इंदौर में सी.ए. की पढ़ाई कर रहा था और इन दिनों अपने गांव में रहकर श्रीराम मंदिर में पूजा-पाठ कर रहा था। उसकी दोस्ती इंस्टाग्राम के माध्यम से दर्शना पाटीदार से हुई थी। एफआईआर के मुताबिक, दर्शना पाटीदार ने शशांक पर रिलेशनशिप में रहने का दबाव बनाया। बार-बार इनकार करने के बावजूद, दर्शना ने एक तांत्रिक से संपर्क किया और शशांक पर वशीकरण की क्रिया करवाई। दर्शना ने इसके लिए अपने ही घर से अपनी माँ और चाची के सोने के जेवर चुराकर और नगद रुपये तांत्रिक को दिए। जब घर पर जेवर के न मिलने का पता चला तो शशांक को फसाने के लिए परिवार ने साजिश रची।
इसके बाद, आरोपियों ने पंडित अजय दुबे और शशांक दुबे के खिलाफ झूठी शिकायतें धामनोद पुलिस थाने में दर्ज करवाईं। पुलिस उप निरीक्षक नर्वद सिंह ठाकुर ने उन्हें थाने बुलाकर उनके मोबाइल जब्त कर लिए और बार-बार बुलाकर दबाव बनाया। आरोपियों ने धमकी दी कि अगर वे तांत्रिक को दिए गए पैसे वापस नहीं करेंगे, तो उन्हें नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ और बलात्कार के झूठे मामलों में फंसा दिया जाएगा।
थाने में मारपीट
FIR में आरोप है कि 18 अगस्त 2024 को धामनोद थाने में पंडित अजय दुबे और शशांक दुबे को एक बंद कमरे में ले जाकर बेरहमी से मारा गया। उप निरीक्षक एन. एस. ठाकुर और अन्य पुलिसकर्मियों ने पाइप से पिटाई की, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने कथित तौर पर आरोपियों को भी मारपीट करने का मौका दिया।
रात 12 बजे पुलिस ने बताया कि 10 लाख रुपये में समझौता हुआ है और अगले दिन थाने आने को कहा। दोनों पिता-पुत्र 19 अगस्त की सुबह थाने जाने के लिए निकले, लेकिन फिर घर नहीं लौटे। परिवार ने उनकी काफी खोजबीन की, पर कोई पता नहीं चला। उसी रात मंडलेश्वर थाना, खरगोन से सूचना मिली कि नर्मदा नदी के पुल पर उनकी बाइक और चप्पलें पाई गईं।
हत्या का शक
परिवार का दावा है कि गौरीशंकर पाटीदार, मनीष पाटीदार, प्रज्ञा पाटीदार, भूपेन्द्र पाटीदार, दर्शना पाटीदार और आशीष पाटीदार ने साजिश रचकर पुजारी पंडित अजय दुबे और उनके बेटे शशांक दुबे की हत्या की और उनके शवों को नर्मदा नदी में फेंक दिया। परिवार ने मांग की है कि 16 से 19 अगस्त 2024 तक की धामनोद थाने की सीसीटीवी फुटेज की जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि उन्हें न्याय मिल सके।
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