सागर: मध्यप्रदेश आज हम अपनी रिपोर्ट में बतायेगे एक ऐसी शख्सियत के बारे में जिन्होंने अपने कर्तव्य पथ पर रहकर बाल विवाह, अपहरण जैसी कई कुरितियों के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाली नारी शक्ति ज्योति मिश्रा के बारे में, जो मध्यप्रदेश पुलिस विभाग में रहकर अपने कार्य को पूर्ण निष्ठा से कर रही हैं.
भारतीय संस्कृति मे प्राचीन वैदिक काल से ही नारी का स्थान सम्माननीय रहा है और इन्हें त्याग की मूर्ति भी कहा गया है वही संस्कृत में एक श्लोक हैं कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः, अर्थात् जिस कुल में स्त्रियों की पूजा होती है, उस कुल पर देवता भी प्रसन्न होते हैं.
शख्सियत के बारे में
सशक्त नारी और सामाजिक कुरितियों के खिलाफ आवाज उठाने वाली ज्योति मिश्रा मध्यप्रदेश राज्य के सागर जिले में पुलिस विभाग में पदस्थ हैं और सागर जिले में रहते हुए वह अपनी ड्यूटी के साथ-साथ समाज में व्याप्त कुरितियों जैसे बाल विवाह, अपहरण के खिलाफ मुहिम चला रही हैं और सभी को बाल विवाह जैसी कुरितियों के खिलाफ सभी को जागरूक कर रही हैं और व्याप्त समस्याओं को दूर करने में तत्परता के साथ लगी हुई हैं.
जैसा नाम वैसा काम
सागर की ज्योति मिश्रा जो अपने नाम को पूरी तरह सार्थक करते हुए बहुत लोगों की जिंदगी रोशन कर रहीं हैं. ज्योति मिश्रा ने सागर जिले में 250 से अधिक बाल विवाहों को रूकवाकर अवयस्क बालिकाओं के असमय विवाह होने से बचाया.
ज्योति मिश्रा पुलिस विभाग में रहकर न केवल हम सब की सुरक्षा कर रही हैं बल्कि विशेष किशोर ईकाई में पदस्थ होकर भी वे 365 दिन 24 घंटे अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए 250 से अधिक बाल विवाहों को रोक चुकी हैं. इस प्रक्रिया में उन्होंने 150 बारातों को लगने के पूर्व ही वापिस कर दिया. वह कहती हैं कि अपने कर्तव्य के प्रति हर वक्त उपलब्ध हैं। चाहे दिन हो या रात, सूचना मिलते ही संबंधित स्थल पर पहुंचकर कार्यवाही करती है.
बाल विवाह रोकने के साथ-साथ उन्होंने है 200 से अधिक गुमशुदा बच्चों को उनके परिजनों को भी मिलवाया है। इस कार्य में भी वे लगातार अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.
श्रीमती ज्योति मिश्रा ने बताया कि जिला पुलिस अधीक्षक श्री अतुल सिंह की ओर से उन्हें निर्भया वाहन उपलब्ध कराया गया था। जिससे वे हर वक्त अपने कर्तव्य निर्वहन के लिए तैयार रहती हैं.
Kapil reports for Neo Politico Hindi.