UP में ढहा पीर खुशहाल का किला, वनविभाग की जमीन पर थी मस्जिद, रात में होती थी आवाजाही

मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन में कई वर्षों से वन विभाग की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर किले का निर्माण करने वाले नामचीन पीर 
खुशहाल के किले पर भारी पुलिस फोर्स के साथ जिला प्रशासन ने बुलडोजर चलकर अवैध निर्माण को धवस्त करने की कार्यवाही की गई है। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान से आये पीर खुशहाल नाम के व्यक्ति ने 1964 में लगभग वन विभाग की 100 बीघा ज़मीन को लीज पर लिया था।

स्थानीय मीडिया इंडियन ओपिनियन की रिपोर्ट के अनुसार समय के साथ साथ पीर खुशहाल ने उसी ज़मीन पर अवैध निर्माण करते हुए मज़्जिद और एक किले का निर्माण किया था। जिसमे 400 से ज्यादा कमरे बनाये गए थे। साथ ही किले की निगरानी के लिए CCTV कैमरे और सैकड़ो की संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किये गए थे। पीर ख़ुशहाल के इस तिलस्मी किले को आज तक कोई भेद नहीं पाया था। पीर ख़ुशहाल उसके परिवार के सैकड़ो सदस्यों के दो ट्रक एलपीजी गैस सिलेंडर और आये दिन बड़ी तादात में रसद सामग्री अरब देशो से हुई फंडिंग से मुहैया कराई जाती थी। इसी इलाके में एक क्षेत्र ऐसा भी है जहाँ काला बादशाह की कई वर्षो से सत्ता चली आ रही है।

पीर खुशहाल ने सन 1964 में अपनी सल्तनत की शुरुआत की थी। उसके बाद उसने अपनी सल्तनत को राजनीतिक नेताओ में भी बढ़ाया उसका वर्चव बढ़ता चला गया। 1979 में पीर खुशहाल ने अपना भारतीय मूल निवास प्रमाणपत्र बनवाया जिसे तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा जारी किया गया था। पीर खुशहाल की ख्याति इतनी बढ़ी के राजनेताओ के साथ अधिकारी भी उनकी चौकट पर दर्शन के इंतजार तक करने लगे। उसके पास कई मुस्लिम देश के लोगो का आना जाना तो लगा ही रहता था। यही से पीर खुशहाल ने तब्लिकी जमात और इस्लाम के प्रति लोगो को धार्मिक सन्देश देने शुरू किये।

विदेशी लोगो का रात में आना और उसी रात में वापिस जाना भी संदेह में लाता था। मार्च सन 2009 को सीबीआई  ने पीर खुशहाल व उसकी पत्नी को गाज़ियाबाद से फेमा के उलंघन के तहत गिरफ्तार किया था। लोग बताते है सोचने वाली बात ये है कि जब पीर खुशहाल के यहां पर डीज़ल के भरे ट्रको का क्या करता था। अक्सर माह में 3 से 4 ट्रक डीजल की कहा खपत होती थी। गैस से भरे सिलेंडरों की गाड़ियां भी इसी रफ्तार से वहाँ आती थी। आखिर ऐसा क्या काम होता था।

जब बसपा की सरकार थी तब 7 अप्रेल 2009 को मुख्यमंत्री मायावती के विशेष सचिव कुँवर फतेह बहादुर व डी जी पी कर्मवीर सिंह मुजफ्फरनगर आये थे और पत्रकारों के द्वारा पीर खुशहाल के बारे में पूछने पर तत्कालीन  सीडीओ रविन्द्र गोडबोले SP सिटी राजीव मल्होत्रा को मोके पर भेज कर कार्यवाही का आश्वासन दिया गया था लेकिन सपा और बसपा की सरकार में पीर खुशहाल के खिलाफ कार्यवाही सिर्फ कागजो पर की गई , लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा के कार्यकाल में एक बार फिर आज बुधवार देर शाम को जिला प्रशासन ने भारी पुलिस फाॅर्स के साथ बिहारगढ़ किले पर पहुंची और पीर खुशहाल के साम्राज्य को नेस्तनाबूत करने का बीड़ा उठाया।

अपर जिलाधिकारी  प्रशासन ने जानकारी देते हुए बताया कि डीएफओ द्वारा अवगत कराया गया था कि बिहारगढ़ का प्रकरण है, जिसमे वन विभाग जमीन की लीज ख़तम हो गई थी। उच्च न्यायालय का निर्णय भी वन विभाग के फेवर में आया था इसके आलावा हाई कोर्ट और शासन भी इसकी समीक्षा करता है।

इसमें निष्तारण के लिए आदेश दिए जाते है। जिसमे उच्च नयायलय में आदेशों का अनुपालन करते हुए उसी क्रम में अवगत कराया गया था, आज इनकी लीज समाप्त हो चुकी थी इनको दो बार नोटिस भी भेजा गया है। नोटिस के बाद भी इसको खाली नहीं कराया गया। वन विभाग ने वह पर अपना बोर्ड भी लगाया था। 

डीएफओ की टीम द्वारा पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर वहा पर कब्ज़ा मुक्त कराने की कार्यवाही गई है। यह ज़मीन लगभग 100 बीघा के आस पास बताई जा रही है। उसपे कुछ निर्माण किया हुआ है जिसे घ्वस्त किया जा रहा है। ये ज़मीन शासन की तरफ से 30 साल पहले लीज पर दी गई थी। इसकी लीज दो बार समाप्त भी हो चुकी थी। 

डीएफओ ने बताया था कि लास्ट आदेश हाई कोर्ट का था, उसके बाद दो नोटिस भी जारी कए गए थे। पीर खुशहाल है जिनको लीज दी गई थी। इस ज़मीन पाए आवास बने हुए है कुछ बैरक बने हुए है, मस्जिद बानी हुई है।उनके बैरक खली थे उन्हें ध्वस्त किया जा रहा है। पीर खुशाल ने ना सिर्फ मुस्लिम समाज के लोगो को गुमराह किया बल्कि विदेशो से होने वाली फंडिंग का इस्तमाल सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण किया। पीर खुशहाल ने तीन महिलाओ से शादी की जिसमे एक पाकिस्तान से है और एक अफगानिस्तान की महिला है। 

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