नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस पर राजधानी दिल्ली में किसान यूनियनों द्वारा आयोजित की गई ट्रैक्टर ट्रॉली रैली के दौरान पूरे राजधानी में उपद्रवियों ने जमकर हिंसा व उपद्रव किया।
मुख्य रूप से ऐतिहासिक स्थल लाल किला में अपने झंडे को फहराया। वहां पुलिस कर्मियों पर हमले किए गए। जबकि ITO इलाके में भी बसों, बस स्टेशन, रेलिंग, बैरिकेड पर जमकर तोड़फोड़ की गई।
वहीं अब इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी है। दिल्ली के कई पुलिस स्टेशनों में एफ आई आर दर्ज की जा रही जिनकी संख्या वर्तमान में 22 है। दिल्ली पुलिस सीसीटीवी के माध्यम से उपद्रवियों की पहचान कर रही है जिसके बाद उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उधर कल के हिंसा में पुलिस कर्मियों के साथ साथ कई मीडिया कर्मी भी निशाना बनाए गए व हिंसा में घायल हुए हैं। रिपब्लिक टीवी डेप्यूटी न्यूज एडिटर आशुतोष चतुर्वेदी ने तो एक वीडियो जारी किया जिसमें उन्होंने दिखाया कि जब वो सिंधु बॉर्डर पर खड़े होकर रिपोर्टिंग कर रहे थे तभी तेजी से दौड़ता एक ट्रैक्टर आया जिसे उनपर जानबूझकर चढ़ाने की कोशिश की गई। हालांकि अंत में उसकी गति धीरे हो गई अन्यथा बड़ा हादसा हो जाता।
रिपब्लिक के अलावा इंडिया न्यूज के पत्रकारों पर हमले किए गए। इंडिया न्यूज नेटवर्क के मैनेजिंग एडिटर राणा यशवंत ने कहा कि 26 जनवरी को इंडिया न्यूज़ के रिपोर्टर ऐश्वर्य जैन, आदित्य नायर, प्रिया सिंह और अजीत श्रीवास्तव को किसान प्रदर्शनकारियों ने धमकाया, पीटा और पीछा किया। उस अराजक स्थिति में भी वे लोग जगह बदल-बदल अपना काम करते रहे। NBF न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन ने इन हमलों की कड़ी निंदा की है।
NBF के मुताबिक इंडिया न्यूज़ के पत्रकार ऐश्वर्य जैन जो लाल किले से रिपोर्टिंग कर रहे थे उनका कॉलर पकड़ा गया और धमकी दी गई बाद में हाथापाई भी की गई और उन्हें स्थान छोड़ने की धमकी दी। वहीं चैनल के ही अन्य पत्रकार अजीत श्रीवास्तव अचानक से प्रदर्शनकारियों द्वारा रॉड और लाठी-डंडों से घेर लिए जाते हैं बाद में उन्हें वह मारते हैं, यह घटना नांगलोई, दिल्ली में हुई। जबकि महिला पत्रकार प्रिया सिंह व आदित्य नायर जब लाल किला से स्पॉट रिपोर्टिंग कर रहे थे दोनों को धमकी दी गई और उन्हें स्थान छोड़ने को कहा।
पुलिस ने संयम दिखाया:
उधर ईश सिंघल, दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता ने आज के घटनाक्रम को लेकर बताया कि आज हुई किसान ट्रैक्टर रैली में हिंसक घटनाएं हुई जिसमें दिल्ली पुलिस के लोग घायल हुए, सरकारी संपत्ति को भी नुकसान हुआ। पुलिस ने संयम के साथ काम किया। मेरी किसान आंदोलनकारियों से अपील है कि जो पहले से तय रास्ते हैं वहां से वापस लोट जाएं।
जबकि पूरे उपद्रव पर दिल्ली पुलिस के संयुक्त पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार ने कहा है कि किसान नेताओं के साथ बातचीत में रूट निर्धारित किए गए थे परन्तु आज सुबह 9:30 बजे एक गुट ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की और गाजीपुर बॉर्डर के पास पहली झड़प पुलिस के साथ हुई। पुलिस द्वारा उन्हें रोकने की कोशिश की गई।
पुलिसकर्मियों को कुचलने की कोशिश:
आगे उन्होंने कहा कि काफी उग्र तरीके से ट्रैक्टरों द्वारा पुलिसकर्मियों को कुचलने की कोशिश की गई। व्यापक पैमाने पर तोड़फोड और नुकसान किया गया। काफी उग्र तरीके से ये रैली की गई, इसपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आलोक कुमार ने बताया कि एडिशनल डीसीपी ईस्ट पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की गई यदि उन्हें अंतिम वक्त में सुरक्षा कर्मियों द्वारा हटाया नहीं जाता तो बहुत बड़ा हादसा हो जाता। जबकि एक प्रोविजनल एसीपी को भी चोंट आई है।
कम से कम 25 वाहन क्षतिग्रस्त:
दिल्ली पुलिस ईस्टर्न रेंज ने कहा कि ईस्ट दिल्ली में उपद्रव के मामले में 4 केस दर्ज किए गए हैं। 17 बस व 8 निजी वाहनों पर तोड़फोड़ की गई है।