आज कल ब्राह्मणों के प्रति नफरत फैलाना और ब्राह्मणों की छवि को धूमिल करना तो जैसे एक नया ट्रेंड बन गया है, जिसे देखो वह ब्राह्मणों के खिलाफ जहर उगल रहा हैं।
ऐसा ही एक कृत्य ओसवाल प्रकाशन द्वारा किया गया है, जहां ओसवाल प्रकाशन द्वारा अपनी एक किताब यूजी क्लेट मोक टेस्ट के प्रश्न पत्र में प्रश्न क्रमांक 84 में आठ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना का जिक्र किया गया है जिसमें घटना स्थल को मंदिर और दुष्कर्मी ब्राह्मण (पंडित) को बताया गया हैं।
ब्राह्मणों के खिलाफ फैलाई जा रही नफरत
यह कोई पहली बार नही है जब ब्राह्मणों के खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है, अनेकों बार ऐसा देखा गया है जब हर बार ब्राह्मणों को ही भला बुरा कहा गया हैं।
ऐसा ही कुछ पिछले दिनों राजस्थान में हुए ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर हुए आंदोलन में भी देखने को मिला जब आदोंलन को संबोधित करते हुए एक व्यक्ति द्वारा ब्राह्मणों के प्रति नफरत फैलाई जा रही थी, जिसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था।
इतना ही नही बीते दिनों कृषि कानूनों को लेकर हुए किसान आदोंलन में भी यही देखने को मिला था, जहां किसान आदोंलन को संबोधित करते हुए मंदिरों और ब्राह्मणों के प्रति लोगों में जमकर जहर फैलाया गया था।
ओसवाल प्रकाशन ने मांगी माफी
हालांकि ओसवाल प्रकाशन ने अपनी गलती मानते हुए इस संबंध में माफी मांग ली है और गलती के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही हैं, ओसवाल प्रकाशन का कहना है कि हम अपनी पुस्तकों की सभी प्रतियों को तुरंत वापस बुला रहे हैं और साथ ही इसे सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भी हटा रहे हैं।
माफी पत्र में आगे ओसवाल प्रकाशन का कहना कि हमारे लिए सभी समुदाय समान हैं और सभी के लिए हमारे मन में अत्यधिक सम्मान है।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.