मुंबई : आरक्षण के खिलाफ अब खुद बाबासाहेब अंबेडकर के पोते आ गए हैं, उन्होंने नेताओं पर भी टिप्पणी की है।
बहुजन विकास अगाडि के मुखिया व भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर ने आरक्षण को लेकर खिलाफत दिखाई है। प्रकाश अम्बेडकर ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अनुसूचित वर्ग (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के सदस्यों के लिए राजनीतिक आरक्षण को समाप्त करने की मांग की है।
उन्होंने हाल ही में कहा कि “नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण जारी रहना चाहिए क्योंकि यह एक मौलिक अधिकार है। संसद और राज्य विधानसभाओं में एससी और एसटी के सदस्यों के लिए प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए उक्त आरक्षण की शुरुआत की गई थी। यहां कुछ सीटें आरक्षित रखी गई हैं जहां केवल एससी और एसटी के सदस्यों को ही चुनाव लड़ने की अनुमति है।”
आगे कहा कि “राजनीतिक आरक्षण को खत्म कर दिया जाना चाहिए क्योंकि यह कोई उद्देश्य नहीं है। इन आरक्षित सीटों पर निर्वाचित होने वाले लोग विभिन्न राजनीतिक दलों के गुलाम बन गए हैं और लोगों की सेवा करने के बजाय, वे अपने राजनीतिक आकाओं की सेवा में अपना समय व्यतीत करते हैं।”
प्रकाश ने कहा, “यह देखा जा रहा है कि अन्य जाति के मतदाता भी सामान्य सीटों पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को वोट देते हैं और इस तरह से, हटाना सर्वश्रेष्ठ है।”
हालांकि, उन्होंने कहा कि “न तो भाजपा और न ही कांग्रेस इसका समर्थन करेगी क्योंकि इससे उन्हें स्थिति का फायदा उठाने की अनुमति मिलती है।”
उन्होंने कहा कि “1954 में उनके अपने दादा, डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर, जिन्हें भारतीय संविधान के निर्माता के रूप में जाना जाता है, ने स्वयं इस प्रावधान को खत्म करने का आह्वान किया था।”
Vanchit Bahujan Aghadi president Prakash Ambedkar demands scrapping of ‘political reservation’ in Lok Sabha, Vidhan Sabha constituencies for Scheduled Castes and Scheduled Tribes
— Press Trust of India (@PTI_News) July 14, 2020
प्रकाश अम्बेडकर के इस बयान पर सभी राजनैतिक दलों ने विपरीत प्रतिक्रिया व्यक्त की है क्योंकि उनका चुनावों में वोटबैंक ही आरक्षण का मुद्दा होता है।
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Why Shivendra Tiwari is writing this piece?
Shivendra Tiwari is a student of journalism at the University of Delhi. Shivendra comes from a very remote village of Riwa situated in Madhya Pradesh. Shivendra’s knowledge about regional and rural politics defines his excellence over the subject. Apart from FD, he writes for ‘Academics 4 Namo’ and ‘Academics for Nation’ to express the clear picture of right-wing in the rural areas. Moreover, Tiwari Ji is from a science background and had scored more than 95% in his intermediate exams!