नई दिल्ली: प्राइवेट सेक्टर में चल रही आरक्षण की मांग के बीच संसद में सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने एक नया निजी सदस्य विधेयक पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए निजी क्षेत्र में आरक्षण सुनिश्चित करना है। हालाँकि प्राइवेट मेंबर बिल के पास होने की संभावना न के बराबर ही होती है लेकिन भीम आर्मी चीफ का यह कदम राजनीति में नया भूचाल ला सकता है।
सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने बिल पेश करते हुए कहा, “महोदय, मैं प्रस्ताव करता हूं कि निजी क्षेत्रों में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों व अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण तथा उससे जुड़े मुद्दों का समाधान करने वाले इस बिल को प्रस्तुत करने की अनुमति प्रदान की जाए।” उन्होंने जोर देकर कहा कि इस प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य इन समुदायों के लिए रोजगार के अधिक अवसर सृजित करना और उन्हें सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।संसद में इस बिल पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आईं। सत्तारूढ़ दल के कुछ सदस्यों ने इस कदम की सराहना की और इसे समय की मांग बताया। वहीं, विपक्ष ने इसे लेकर अपने संदेह व्यक्त किए और व्यापक चर्चा की मांग की।
स्पीकर ओम बिरला तय करेंगे चर्चा का समय
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि वे इस बिल पर बहस के लिए समय तय करेंगे। उन्होंने कहा, “यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और हमें इस पर विस्तृत चर्चा करनी चाहिए ताकि हम एक सर्वसम्मत निर्णय पर पहुंच सकें।” बिल अब संसदीय समिति के पास भेजा जाएगा, जहां इसका विस्तृत अध्ययन और समीक्षा होगी। समीक्षा के बाद इसे संसद में फिर से पेश किया जाएगा। यदि इसे दोनों सदनों में पारित कर दिया जाता है, तो यह कानून बन जाएगा और निजी क्षेत्र में एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण लागू हो जाएगा। सांसद चंद्रशेखर आज़ाद का यह कदम देश की राजनीति और समाज में एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बन गया है।
Nancy Dwivedi
Nancy Dwivedi reports for Neo Politico.