मेरठ: जिले में स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में दलित छात्रों द्वारा एक जूनियर छात्र की रैगिंग करने का मामला सामने आया है। इसके अतिरिक्त दोषी दलित छात्रों द्वारा पीड़ित छात्र को फर्जी एससी एसटी एक्ट में फ़साने की धमकी भी दी जाती रही है।
पीड़ित छात्र के अनुसार उसे पिछले एक साल से रैगिंग का सामना करना पड़ रहा था लेकिन एससी एसटी एक्ट के डर व भविष्य ख़राब होने की वजह से वह कुछ कह नहीं पा रहा था। लेकिन 24 अक्टूबर की रात खाना खाने के दौरान दलित छात्रों ने पीड़ित छात्र को सभी छात्रों के सामने लात घुसो से बुरी तरह पीटा व गाला दबाकर मारने का भी प्रयास किया जिससे घबराये छात्र ने रात को ही एंटी रैगिंग हेल्प लाइन नंबर पर इसकी सुचना दी। छात्र की तहरीर पर कॉलेज प्रशासन हरकत में आया है लेकिन कॉलेज की बदनामी के डर से पीड़ित छात्र पर समझौते का ही दबाव बनाने लगा है।
आरक्षण विरोधी पोस्ट लिखने व सर न बोलने से थी खुन्नस
दरअसल आरोपी छात्र रोहित पीएचडी चतुर्थ वर्ष का छात्र है जोकि आये दिन गुंडा गर्दी करता रहता है। अधिक जानकारी प्राप्त करने पर हमने पाया कि इससे पहले भी दो छात्रों को इसने मारपीट के बाद एससी एसटी एक्ट में फ़साने का प्रयास किया था। जिसकी जांच के बाद आरोपी रोहित को गलत करैक्टर के चलते दो बार हॉस्टल से डीसी भी मिल चुकी थी। आरोपी छात्र पीड़ित छात्र द्वारा सर न बोले जाने से व इनके ग्रुप से अलग रहने के कारण पीड़ित छात्र को पिछले एक साल से परेशान कर रहा था।
हॉस्टल के छात्रों के अनुसार आरोपी रोहित पीड़ित को रोजाना रोक कर माँ बहन की गन्दी गन्दी गालिया बकता था। वहीं सुबह सुबह पूजा करने पर जल चढाने पर अश्लील शब्दों का प्रयोग करते हुए अपने निजी अंगो पर जल चढाने को कहता था। जिससे घबराया छात्र अकसर अपने को कमरे में ही बंद रखता था।
एंटी रैगिंग की मीटिंग में आरोपी छात्र ने पीड़ित द्वारा आरक्षण के खिलाफ पोस्ट करने की बाते भी कबूली है। जिससे आरोपी छात्र ने उसे पीटने का मन बना लिया था। आपको बता दें कि दोषी छात्र रोहित द्वारा कई बार पीड़ित की बाइक भी बुरी तरह तोड़ दी गई थी।
निजी अंग पर लात मारी, गाला दबाकर मारने का किया प्रयास
एससी एसटी एक्ट की आड़ में आरोपी छात्र रोहित हर किसी से लड़ाई कर खुद को बचा लिया करता था। इसी क्रम में वह अकसर रैगिंग की घटना को अंजाम देता था। घटना वाले दिन की प्लानिंग भी कई दिनों से चल रही थी। पीड़ित छात्र जब खाना लेने पंहुचा तो रोटी लेने के दौरान आरोपी छात्रों ने पीड़ित को सभी छात्रों की मौजूदगी में जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। जिसपर पीड़ित छात्र ने विरोध किया तो सभी ने मिलकर उसे मारना पीटना शुरू कर दिया था।
इसी दौरान पीड़ित छात्र के कई बार निजी अंग पर भी वार किया गया। जिसके बाद वह निचे गिर गया। पीड़ित को आरोपियों ने काफी देर तक मारा पीटा व फिर उसका गाला दबाकर उसे मारने का भी प्रयास किया। गला दबाने के कारण पीड़ित छात्र के गले में उंगलियों के गहरे निशान पड़ गए है व उसके कपड़े भी फट गए थे। मारने के बाद आरोपियों ने कान पकड़वा कर सबके सामने पीड़ित छात्र से माफ़ी भी मंगवाई थी।
मानसिक रूप से तनाव में है छात्र, साथी छात्रों ने कहा गलत कदम न उठा ले
पिछले एक साल से रैगिंग का शिकार हो रहा पीड़ित छात्र अब सभी छात्रों के सामने बुरी तरह पीटे जाने व कान पकड़वाकर माफ़ी मंगवाने से बुरी तरह से मानसिक अवसाद से ग्रस्त है। साथ छात्रों ने हमें बातचीत में बताया कि इस घटना ने पीड़ित को मानसिक रूप से तोड़ कर रख दिया है जिससे उन्हें डर है कि कहीं पीड़ित कोई गलत कदम न उठा ले। वहीं विश्विधालय प्रशासन भी पीड़ित छात्र को समझौता करने का दबाव बना रहा है व उल्टा सेमेस्टर बैक लगाने की धमकी दें रहा है। ऐसे में छात्र भारी मानसिक पीड़ा से गुजर रहा है
बैचलर में गोल्ड मेडलिस्ट व मास्टर में सिल्वर मेडलिस्ट रह चूका है पीड़ित छात्र
रैगिंग से आज अवसाद में जा चूका छात्र काफी होनहार है। पीड़ित बैचलर में गोल्ड मेडलिस्ट व मास्टर की पढाई में भी सिल्वर मेडलिस्ट रह चूका है। इसी के साथ ही PhD में भी छात्र अव्वल स्थान पर है। ऐसे शांत प्रवत्ति के छात्र के साथ साल भर से चल रहे शोषण से उसके साथी भारी रोष में है।
माँ को याद करके रोता है पीड़ित
PHD का छात्र अगर अपनी माँ को याद कर रोने लगे तो आप उसपर गुजर रही मानसिक पीड़ा का अंदाजा लगा सकते है। दलित छात्रों की रैगिंग व एससी एसटी एक्ट की धमकी के बाद मारपीट की घटना ने पीड़ित छात्र को अवसाद में धकेल दिया है। हॉस्टल के छात्रों ने हमें बताया कि घटना वाली रात से लगातार पीड़ित छात्र अपनी माँ को याद कर रोता है जोकि अपने आप में दुखदाई है। साथी छात्र उसे बहलाने का काफी प्रयास करते है लेकिन सभी छात्रों के सामने जलील होने से पीड़ित काफी परेशान हो गया है।
Donate to Falana Dikhana:यह न्यूज़ पोर्टल दिल्ली विश्विद्यालय के मीडिया छात्र अपनी ‘पॉकेट मनी’ से चला रहे है। जहां बड़े बड़े विश्विद्यालयों के छात्र वामपंथी विचारधारा के समर्थक बनते जा रहे है तो वही हमारा पोर्टल ‘राष्ट्रवाद’ को सशक्त करता है। वही दिल्ली विश्विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ रहे हमारे युवा एडिटर्स देश में घट रही असामाजिक ताकतों के खिलाफ लेख लिखने से पीछे नहीं हटते बस हमें आशा है तो आपके छोटे से सहयोग की। यदि आप भी हम छात्रों को मजबूती देना चाहते है तो कम से कम 1 रूपए का सहयोग अवश्य करे। सादर धन्यवाद, ‘जयतु भारतम’