पटना: बिहार में विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव प्रचार जोरों पर है। नितीश कुमार की NDA के सामने तेजस्वी यादव का महागठबंधन सामने है। ये जगजाहिर है कि बिहार में दशकों से जातिगत राजनीति का वर्चस्व रहा है। और एक दूसरी जाति के खिलाफ लामबंदी कर वोटें बटोरा जाता रहा है। वहीं 15 सालों तक राज करने वाली लालू यादव की पार्टी RJD सवर्णों के प्रति हमलावर रही।
संसद में आकर खुले तौर पर चाहे सवर्ण आरक्षण का विरोध हो या भूरा बाल का नारा। ऐसे ही सोशल मीडिया पर RJD खुद सवर्णों खासकर ब्राह्मणों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले व जातिवादी बयान देती रही है।
बिहार विपक्ष की पार्टी ने तब के आजतक पत्रकार निशांत चतुर्वेदी के बहाने अगड़ी जातियों के लिए कहा था कि “अरे चाट यूवेर्दी, इतना ब्राह्मणवादी घृणा लाते कहा से हो ? तुम्हारे पापा मोदी खुद ट्वीट करते है ? बाथरूम तक आना जाना है ?”
आगे RJD ने बयान में जोड़ते हुए कहा था कि “जानते हो ट्वीटर हमें कौन सी ख़ुशी सबसे ज्यादा देता है ? जब हमारे शब्दों से तुम ब्रह्मणवादियो, सवर्णवादियो के छाती पर तिलमिलाहट से सांप लोटता है ना, वही।”
रघुवंश प्रसाद ने सवर्ण आरक्षण पर मानी थी चूक:
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के कद्दावर नेता रहे रघुवंश प्रसाद सिंह ने लोकसभा 2019 में चुनावों के बाद मई में दिए बयान में माना था कि कि राजद को सवर्ण आरक्षण का विरोध करना नुकसानदेह रहा।
ABP पत्रकार के पूछे गए सवाल “आपको लगता है कि सवर्ण आरक्षण का विरोध इस बार आपको भारी पड़ रहा है”, पर रघुवंश प्रसाद नें कहा था कि “गलतफहमी से कुछ नुकसान हुआ है, घोषणापत्र में हमारे है सवर्ण को आरक्षण देने का, लेकिन लोग सब जाने नहीं। राज्यसभा में ख़िलाफ़ में वोट डाल दिए, लोकसभा में तो बच गए पर राज्यसभा में ख़िलाफ़ में वोट डाल दिए तो उससे नुकसान हुआ है।”
Donate to Falana Dikhana:यह न्यूज़ पोर्टल दिल्ली विश्विद्यालय के मीडिया छात्र अपनी ‘पॉकेट मनी’ से चला रहे है। जहां बड़े बड़े विश्विद्यालयों के छात्र वामपंथी विचारधारा के समर्थक बनते जा रहे है तो वही हमारा पोर्टल ‘राष्ट्रवाद’ को सशक्त करता है। वही दिल्ली विश्विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ रहे हमारे युवा एडिटर्स देश में घट रही असामाजिक ताकतों के खिलाफ लेख लिखने से पीछे नहीं हटते बस हमें आशा है तो आपके छोटे से सहयोग की। यदि आप भी हम छात्रों को मजबूती देना चाहते है तो कम से कम 1 रूपए का सहयोग अवश्य करे। सादर धन्यवाद, ‘जयतु भारतम’