नई दिल्ली: भाजपा के वैचारिक संरक्षक आरएसएस ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर एक सार्वजनिक बहस की मांग की है, लेकिन सरकार को यह तय करने के लिए छोड़ दिया है कि वह इस पर बिल लाए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्थापना दिवस पर थिंक-टैंक इंडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक वर्चुअल मीटिंग में रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह और प्रसिद्ध विचारक दत्तात्रेय होसाबले ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) का उल्लेख राज्य के निर्देश सिद्धांतों के तहत संविधान में किया गया है। लेकिन यूसीसी को लागू करने के लिए संविधान निर्माताओं द्वारा किसी समय सीमा की सिफारिश नहीं की गई है।
होसबले ने कहा, “सरकार को यह तय करना है कि यह अच्छा समय है या नहीं (UCC पर बिल लाने के लिए)। हमें पहले लोगों को इसके बारे में शिक्षित करना होगा।”
जम्मू और कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “इसके (UCC) बारे में एक उचित सार्वजनिक बहस होनी चाहिए क्योंकि यह धारणाओं को साफ करने में मदद करती है। लोगों को पता नहीं था कि अनुच्छेद 370 या अनुच्छेद 35 ए क्या है। लोगों को शिक्षित करना महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने कहा कि “यदि इसे लागू किया जाता है, तो UCC, सभी समुदायों के धर्मग्रंथों और रीति-रिवाजों के आधार पर सभी व्यक्तिगत कानूनों को समाप्त कर देगी, जो कि उनके नागरिक पर शासन करने वाले नियमों का एक सामान्य समूह होगा।”
यूसीसी पर कई याचिकाओं पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने सुनवाई की। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में यूसीसी का उल्लेख किया था।