सद्गुरु नें CAA का किया समर्थन, बोले- ये थोड़ी सी करुणा जो पहले होनी चाहिए थी !

नईदिल्ली : अध्यात्म वक्ता सद्गुरु नें CAA का समर्थन किया, कहा इसे पहले हो जाना चाहिए था।

आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव उर्फ़ सद्गुरु ने CAA व NRC का समर्थन किया है। 23 दिसंबर को एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए सद्गुरु ने एनआरसी और सीएए पर उठे सवाल का विस्तार पूर्वक जवाब दिया।

सबसे पहले उन्होंने सीएए पर कई पहलू गिनाए जिसमें उन्होंने पाकिस्तान अफगानिस्तान व बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ हुए अत्याचार के उदाहरणों को गिनाया और उनके धार्मिक स्थलों के क्षति को भी बताया।
सद्गुरु नें CAA पर टिप्पणी करते हुए कहा कि “यह बहुत थोड़ी सी करुणा है जो बहुत देर में आई। क्योंकि जिन अत्याचारों से वह गुजरे हैं आंकड़े बताते हैं कि इतने मंदिर थे उन्हें व्यवस्थित तरीके से गिराया जा रहा है। उनकी बुनियादी सोच यही है कि दूसरे धर्म की प्रार्थना के लिए कोई जगह ना हो यह देश एक ही धर्म के लिए वहां है ।”
भारत में रह रहे शरणार्थियों के मुद्दे पर सद्गुरु नें कहा “हमारे देश में मानवीय पहचान के बिना जानवर की तरह, उनके पास कोई राशन कार्ड नहीं वोटिंग कार्ड नहीं हैं। क्या हम इतने कठोर हैं !”
आगे उन्होंने पुलिस व यूनिवर्सिटी में छात्रों के साथ झड़पों पर तल्ख़ टिप्पणी की। उन्होंने कहा “हम पिछले दिनों से देख रह रहे हैं कि सड़कों पर हर कोई पुलिस पर अत्याचार कर रहा है। पुलिस की बुरी तरह पिटाई कर रहे हैं भीड़ में। फ़िर जो पुलिस करेगी तो फिर वह भी सहना पड़ेगा। खदान के कर्मचारियों की तरफ पत्थर फेंक रहे तो पुलिस भी उसका जवाब देगी जो भी साथ बैठे हैं सबको सब की पिटाई होगी पुलिस वालों को गोलियां मार रहे हैं। ये क्या है।”
अंत में NRC के प्रश्न में सद्गुरु नें कहा हमारे यहां कुत्तों की गिनती होती है तो आदमियों की गिनती क्यों न हो। हर देश के पास उसके नागरिकों का रजिस्टर होता है। यदि आपके पास कुछ सबूत नहीं है तो फ़िर आप हो कौन !”
वहीं सद्गुरु नें असम समझौते पर कांग्रेस को घेरते हुए कहा “1985 में कागज़ पर समझौता भर हुआ लेकिन उसपर कोई कदम नहीं उठाया गया।”
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