सहारनपुर: 2011 में SC/ST एक्ट और दुष्कर्म के झूठे आरोपों ने एक साधारण युवक की जिंदगी को पूरी तरह से बदल दिया। जेल की सजा और सामाजिक तिरस्कार ने उसे उस राह पर ला खड़ा किया, जहां से लौटना मुश्किल हो गया। यह कहानी है विन्नी नागर की, जो अब खुद को एक कुख्यात अपराधी मानता है। हाल ही में वायरल हुए उसके वीडियो ने पुलिस और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
झूठे आरोप और 7 साल की सजा ने बदली जिंदगी
विन्नी नागर ने खुलासा किया कि 2011 में उस पर SC/ST एक्ट और दुष्कर्म के तहत झूठे आरोप लगाए गए। कोर्ट ने उसे 7 साल की सजा सुनाई। वह कहता है, “मैंने कुछ गलत नहीं किया था। रंजिशन मुझे फंसाया गया। ढाई साल जेल में रहने के बाद हाईकोर्ट ने मुझे बरी कर दिया। लेकिन तब तक मेरी जिंदगी तबाह हो चुकी थी।” जेल से बाहर आने के बाद विन्नी ने सामान्य जीवन जीने की कोशिश की, लेकिन समाज ने उसे अपराधी की नजर से ही देखा। उसे नौकरी और सम्मान नहीं मिला। “हर जगह मुझे तिरस्कार मिला। मजबूरी में दोस्त के कहने पर एक झगड़े में शामिल हुआ, लेकिन पुलिस ने इसे डकैती बना दिया,” विन्नी ने वीडियो में बताया।
जनसेवा केंद्र लूट
हाल ही में विन्नी ने सहारनपुर के जनसेवा केंद्र में हुई लूट का वीडियो जारी कर पुलिस की कहानी को चुनौती दी। उसने कहा, “लूट मैंने की थी, लेकिन पुलिस ने दो निर्दोष युवकों के पैर में गोली मारकर उन्हें आरोपी बना दिया।” विन्नी का दावा है कि जनसेवा केंद्र से केवल 6900 रुपये लूटे गए थे, जबकि पुलिस ने डेढ़ लाख की लूट का केस दिखाया। “पुलिस ने 25,000 रुपये की बरामदगी दिखाकर फर्जी एनकाउंटर किया। निर्दोष निखिल और इस्तखार को फंसा दिया, जबकि वे घटना में शामिल ही नहीं थे।”
दारोगा को पहले से दी थी सूचना, फिर भी कुछ नहीं किया
विन्नी नागर ने अपने वायरल वीडियो में बताया कि उसने लूट से पहले ही पुलिस को सूचना दी थी। उसने कहा, “दारोगा को फोन कर बताया था कि गांव में तीन बाहरी बदमाश घूम रहे हैं। वे हथियार लेकर किसी वारदात की फिराक में हैं। लेकिन दारोगा ने मेरी बात को नजरअंदाज कर दिया।” उसने आगे कहा, “वारदात के दिन मैं उन बदमाशों के साथ शराब पीने के दौरान फंस गया और लूट में शामिल हो गया। लेकिन मैंने पहले से किसी योजना के तहत यह नहीं किया था।”
19 मुकदमों की लंबी फेहरिस्त
विन्नी ने बताया कि उस पर पहले से 19 मुकदमे दर्ज हैं। उसने कहा, “मैंने कुछ मामलों में गलती की, लेकिन कई बार मुझे झूठे मामलों में फंसाया गया। पुलिस हर बार नए केस में मेरा नाम जोड़ देती है।” उसका दावा है कि जेल में बिताए सालों और पुलिस के रवैये ने उसे अपराध की दुनिया में धकेल दिया। “पहले झूठे केस और फिर पुलिस की प्रताड़ना ने मुझे अपराधी बना दिया। अब मेरे पास पीछे लौटने का कोई रास्ता नहीं है।”