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महाशिवरात्रि के मौके पर प्रशासन का शर्मनाक रवैया, कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा पर दबाव बना स्थगित कराया कार्यक्रम

सीहोर – महाशिवरात्रि के महापर्व के बीच प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां शासन प्रशासन ने अपनी गलतियों पर पर्दा डालने के लिए कथा वाचक पर दबाव बनाकर शिवपुराण कथा को ही खत्म कर दिया।

शिवरात्रि के मौके पर लापरवाह प्रशासन

देश भर में जहां शिवरात्रि का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता हैं। उसी बीच मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में शिवरात्रि के मौके पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का मामला सामने आया हैं।

शिवरात्रि महापर्व के मौके पर प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा सीहोर स्थित आश्रम में 7 दिवसीय शिवपुराण कथा और रूद्राक्ष महोत्सव आयोजन किया जा रहा था। जहां शिवपुराण कथा में सम्मिलित होने लाखों भक्त पहुंचे थे, जिसके बाद इंदौर भोपाल हाईवे पर भारी जाम की स्थिति बन गई।

जहां प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई, जिसे छुपाने के लिए जिला प्रशासन ने कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा पर ही दबाव बनाना शुरू कर दिया। जिसके बाद पंडित प्रदीप मिश्रा ने भारी मन से कथा को स्थगित करा दिया।

बीजेपी नेता ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

महाशिवरात्रि के पर्व पर शासन प्रशासन के शर्मनाक रवैया से आहत, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखा हैं।

उन्होंने कहा कि सीहोर में जो कुछ हुआ उसे देख और सुन कर अत्यंत पीड़ा और वेदना पहुंची हैं। सीहोर जिला प्रशासन का रवैया बेहद ही चिंताजनक है, प्रशासन के इस रवैये ने मेरे जैसे कई सनातनियों को आघात पहुंचाया है। उन्होंने कहा विगत 17 वर्षों से आप इस प्रान्त के मुखिया है। आखिर ऐसी कौनसी विपदा आ गई थी कि पंडित प्रदीप मिश्रा पर इतना दबाव बनाया गया कि उन्हें भारी मन से कथा को समाप्त करना पड़ा।

इज्तिमा पर रोक नही फिर शिवरात्रि पर क्यों?

उन्होंने कहा भोपाल में इज्तिमा का आयोजन होता है। लाखों लोग शामिल होते हैं। कई मंत्रियों को जाम में फंसना भी पड़ता है। लेकिन ऐसा कभी सुनाई नहीं दिया कि इज्तिमा को रोक दिया गया हो। क्या सीहोर प्रशासन इतना नाकारा था कि इस आयोजन की सूचना होने के बावजूद व्यवस्था जुटाई नहीं जा सकी ?

क्या जिम्मेदार अधिकारी इतने अदूरदर्शी थे कि वो भांप नहीं सके कि 11 लाख रुद्राक्ष का अनुष्ठान है तो श्रद्धालुओं की आवाजाही भी रहेगी? क्या सीहोर के प्रशासनिक अमले की इतनी हिम्मत है कि वो इतना बड़ा निर्णय कर ले? शिवरात्रि के इस महापर्व पर देश भर से आए शिव भक्तों की क्या गलती थी, शुद्ध रूप से गलती सीहोर प्रशासन की है।

आगे उन्होंने कहा कि सीहोर प्रशासन को जाकर पंडित प्रदीप मिश्रा जी से माफी मांगना चाहिए और शिवपुराण कथा पुनः प्रारंभ होनी चाहिए।

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Kapil reports for Neo Politico Hindi.

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