सीहोर- मध्यप्रदेश में सीहोर जिले के अमलाहा गाँव में बीते दिन मंगलवार को हनुमान मंदिर के पास एक भंडारे का आयोजन किया गया था, जहां भंडारे के दौरान कुछ दलित युवकों ने कथित तौर पर छुआछूत और भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए ‘जय भीम’ और संविधान बचाओं के नारे लगाकर जमकर हंगामा किया हैं।
दलित युवकों का आरोप है कि भंडारे के दौरान अनेको टेंट लगाए गए, जिसमें दलित समुदाय और सवर्णों को अलग-अलग टेंट में बैठाकर भोजन कराया गया। समुदाय के लोगों ने इसे छुआछूत और भेदभाव करार देते हुए आक्रोश जताया हैं। जिसके बाद पूरी घटना की जानकारी अमलाहा पुलिस को दी गई, जहां पुलिस ने साफ तौर पर छुआछूत और भेदभाव जैसी बातों से इनकार कर दिया हैं।
पुलिस ने सभी आरोपों को बताया गलत
वहीं अमलाहा चौकी पुलिस ने इस पूरे मामले में घटना स्थल पर जांच कर छुआछूत और भेदभाव जैसे सभी आरोपों को नकार दिया हैं। चौकी प्रभारी अविनाश भोपले का कहना है कि आयोजन के दौरान टेंट तो अनेक लगाएं गए है, लेकिन छुआछूत और भेदभाव जैसी कोई घटना सामने नहीं आई हैं। उन्होंने कहा कि कुछ युवक शराब के नशे में थे, जिनके द्वारा छुआछूत और भेदभाव जैसी अफवाह फैलाई गई हैं।
आपको बता दे कि यह पहला मामला नहीं है, जब हिन्दू धर्म को बदनाम करने और सवर्णों को नीचा दिखाने के लिए मनगढंत कहानी बनाई गई है। इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके है, जिसमें छुआछूत, भेदभाव और जातिवाद का हवाला देकर सवर्णों के खिलाफ नफरत फैलाने का काम किया जाता रहा हैं।