लखनऊ (UP): सपा के ब्राह्मण प्रेम की पोल सपा ने खुद खोल डाली है, जिसपर भाजपा ने सवाल खड़े किए हैं।
उत्तरप्रदेश में सभी दलों ने इस समय ब्राह्मण प्रेम की मुहिम चलाई। किसी ने समुदाय के आराध्य परशुराम के नाम की अस्पताल तो किसी ने मूर्ति की घोषणा कर डाली। इसी बीच सपा ने भी ब्राह्मणों की सहानुभूति बटोरने के लिए पैंतरे चले।
हालांकि ब्राह्मण प्रेम दिखाना और उनका ध्यान रखना दो अलग-अलग बातें हैं क्यों कि अखिलेश यादव की स्वीकृति से 14 जिलों के जिलाध्यक्ष की एक सूची सपा ने जारी की। लेकिन इसमें में एक भी ब्राह्मण नाम नहीं है।
सपा द्वारा इस जारी 18 जिलाध्यक्षों की सूची मे एक भी ब्राम्हण का नाम नहीं हैं बल्कि ज्यादातर सपा के वोटबैंक कहे जाने वाले मुस्लिम यादव पदाधिकारी ही हैं। पहले सूची देखें:
- गिरीश यादव
- देवेंद्र यादव
- योगेश
- सैय्यद अहमद
- धर्मप्रकाश
- लालजी
- असगर अली
- राजपाल
- अशोक चौधरी
- श्री वीर
- दीपक ब्रिज
- ऋषिपाल
- रामनारायण
- मनोज यादव
- इमरान
- संदीप पटेल
- सुमेर पाल
- अनिल यादव
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) August 24, 2020
योगी सरकार को ब्राह्मण विरोधी बताने वाले अखिलेश यादव व उनकी पार्टी सपा को लेकर भाजपा को ये बड़ा मौका हाथोंहाथ मिल गया। योगी सरकार ने बेसिक शिक्षा मंत्री डॉक्टर सतीश द्विवेदी ने सपा को घेरते हुए कहा कि “एक महीने से ब्राम्हण-ब्राम्हण और परशुराम-परशुराम खेल रहे प्रबुद्ध लोग समाजवादी पार्टी की इस सूची को गौर से देखें।”
आगे मंत्री ने सपा के इस घोषणा से ब्राह्मणों को राजनीतिक ठगी का शिकार बताया। उन्होंने कहा कि “सपा के ब्राम्हण प्रेम का नशा उतर जाएगा। हिन्दी के साथ उर्दू में भी (ब्राम्हणों की संस्कृत नहीं) छपे लेटर हेड पर जारी इस सूची से ठगा हुआ महसूस कर रहे हों तो आदरणीय पांडे बाबा और प्रोफेसर मिसिर जी को फोन करके कन्फर्म जरूर कर लीजिए।”
एक महीने से ब्राम्हण-ब्राम्हण और परशुराम-परशुराम खेल रहे प्रबुद्ध लोग समाजवादी पार्टी की इस सूची को गौर से देखें। pic.twitter.com/dvAkEA60Nc
— Dr Satish Dwivedi (@drdwivedisatish) August 25, 2020
हालांकि इसके पहले भी फ़लाना दिखाना की टीम ने सपा में ब्राह्मणों के प्रतिनिधित्व पर रिपोर्ट तैयार की थी जिसमें बताया था कि सपा के राज्यसभा व लोकसभा में एक भी ब्राह्मण सांसद नहीं हैं।
Donate to Falana DIkhana: यह न्यूज़ पोर्टल दिल्ली विश्विद्यालय के मीडिया छात्र अपनी ‘पॉकेट मनी’ से चला रहे है। जहां बड़े बड़े विश्विद्यालयों के छात्र वामपंथी विचारधारा के समर्थक बनते जा रहे है तो वही हमारा पोर्टल ‘राष्ट्रवाद’ को सशक्त करता है। वही दिल्ली विश्विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ रहे हमारे युवा एडिटर्स देश में घट रही असामाजिक ताकतों के खिलाफ लेख लिखने से पीछे नहीं हटते बस हमें आशा है तो आपके छोटे से सहयोग की। यदि आप भी हम छात्रों को मजबूती देना चाहते है तो कम से कम 1 रूपए का सहयोग अवश्य करे। सादर धन्यवाद, ‘जयतु भारतम’