हाथरस: किडनैप किए गए जियो फाइबर के मैनेजर अभिनव भारद्वाज को STF ने शनिवार तड़के मुरादाबाद में एनकाउंटर के बाद छुड़ा लिया। बदमाशों ने दिल्ली के कुख्यात टिल्लू ताजपुरिया गैंग के नाम पर 20 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। अभिनव को पहले उत्तराखंड के अल्मोड़ा ले जाया गया और फिर मुरादाबाद में छोड़ा गया, जहां STF ने ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस दौरान एक बदमाश के गले में गोली लगी और तीन अन्य को गिरफ्तार किया गया। दो अन्य बदमाशों को थोड़ी देर बाद एनकाउंटर के दौरान पकड़ लिया गया।
किडनैपिंग का पूरा घटनाक्रम: कॉल पर दी जान से मारने की धमकी
हाथरस के नवल नगर कॉलोनी निवासी अभिनव भारद्वाज जियो फाइबर में मैनेजर हैं। मूल रूप से बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले अभिनव पिछले दो साल से हाथरस में एक वरिष्ठ अधिवक्ता राधामाधव शर्मा के मकान में किराए पर रह रहे हैं। 1 जनवरी की दोपहर वे अपने सहकर्मियों के साथ एक होटल में पार्टी करने गए थे। लेकिन जब रात तक वे घर नहीं लौटे तो परिजन चिंतित हो गए। रात में अभिनव की पत्नी स्वीटी भारद्वाज के पास एक धमकी भरा फोन आया। फोन करने वाले ने कहा, “हम टिल्लू ताजपुरिया गैंग से बोल रहे हैं। तुम्हारे पति हमारे कब्जे में हैं। 20 लाख रुपए दो, नहीं तो सुबह उनकी लाश नरेला से उठानी पड़ेगी। तुम्हारे विरोधियों ने हमें सुपारी दी है।” कॉल के साथ वीडियो कॉल पर भी परिवार से बात कराई गई, ताकि उन्हें डराया जा सके।
फिरौती की रकम देकर शुरू हुआ STF का ऑपरेशन
परिजन घबराए हुए पैसे जुटाने में लग गए। जब 2 जनवरी को परिजन 20 लाख रुपए लेकर मुरादाबाद पहुंचे, तब पुलिस ने अपने ऑपरेशन को शुरू किया। परिजनों ने जैसे ही फिरौती की रकम बदमाशों को दी, STF ने उनकी कार का पीछा करना शुरू कर दिया। तड़के करीब 5 बजे मुरादाबाद के सिविल लाइंस क्षेत्र में DM आवास के पास STF और बदमाशों के बीच फायरिंग हुई। इस एनकाउंटर में अल्मोड़ा के निवासी विशाल नामक बदमाश के गले में गोली लगी। पुलिस ने अभिनव को तुरंत सुरक्षित किया और अन्य आरोपियों करण बिष्ट (20) और सुजल कुमार (19) को भी गिरफ्तार कर लिया।
दूसरा एनकाउंटर: पैर में गोली मारकर पकड़े गए दो और किडनैपर
STF का ऑपरेशन यहीं खत्म नहीं हुआ। एनकाउंटर के कुछ ही देर बाद पुलिस ने मुरादाबाद के हर्बल पार्क इलाके में भाग रहे दो अन्य बदमाशों को घेर लिया। इस दौरान बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में गोलू ठाकुर और यश गुप्ता के पैरों में गोली मारी गई और उन्हें पकड़ लिया गया। पुलिस के मुताबिक, ये दोनों बदमाश भी अल्मोड़ा के रहने वाले हैं। पूरे ऑपरेशन में कुल पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया गया।
कैसे पुलिस ने बदमाशों के मंसूबे फेल कर दिए
मुरादाबाद के एसपी सिटी रणवीर सिंह ने बताया कि किडनैपिंग के बाद बदमाशों ने अभिनव को पहले अल्मोड़ा ले जाकर रखा था। वहां से फिरौती की रकम वसूलने के लिए उन्हें मुरादाबाद में छोड़ने की योजना बनाई। पुलिस पहले से सक्रिय थी और लगातार आरोपियों के फोन लोकेशन को ट्रैक कर रही थी। रिपोर्ट के अनुसार, बदमाशों ने दिल्ली और उत्तराखंड के बीच यह खेल रचा था। इस गिरोह का काम स्थानीय स्तर पर कारोबारियों को टारगेट कर किडनैपिंग करना था। लेकिन STF की मुस्तैदी ने इस बार उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।