पीलीभीत- उत्तरप्रदेश के पीलीभीत जिले में बीएससी (3rd Year) में पढ़ने वाली अनुसूचित जाति की छात्रा को कथित तौर पर बहला फुसलाकर ले जाने और परिजनों को गाली गलौज कर धमकाने के आरोप में दर्ज एफआईआर को हाईकोर्ट ने रद्द करने का आदेश दिया है, बता दे कि खुद पीड़ित छात्रा और आरोपियों द्वारा हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए एक याचिका दायर की गई थी.
जहां दायर याचिका की सुनवाई के दौरान खुद पीड़ित छात्रा ने उसके भाई और परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों को नकार दिया हैं और अपनी मर्जी से शादी करने की बात कहीं है, जिसके बाद कोर्ट ने दर्ज एफआईआर को निरस्त करने के आदेश दिए हैं.
जानिए क्या है पूरा मामला?
बता दे कि जिले के न्यूरिया थाना क्षेत्र के मुनीष कुमार नामक एक व्यक्ति ने 20 नवंबर को एससी एसटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में एक मुकदमा दर्ज करवाया था, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि 17 नवंबर को मेवातपुर गाँव निवासी राजू पिता बाबूराम नाई उसकी 21 वर्षीय बहन (जो पुष्पा इंस्टीट्यूट बनकटी रोड पीलीभीत में पढ़ती हैं.) को बहला फुसलाकर अपने साथ भगा ले गया था. लेकिन जब वह शिकायत लेकर राजू के घर मेवातपुरा गया तो राजू के पिता बाबूराम, उसके भाई राजीव, दिनेश, और मुकेश ने गंदी-गंदी गालियां देते हुए मारपीट की और उसे जान से मारने की धमकी दी.
वहीं प्रकरण एससी एसटी एक्ट से जुड़ा होने के कारण मामले की जांच सीओ सदर को सौंपी गई थी, पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रहीं थी. इसी दौरान छात्रा और एफआईआर में नामजद आरोपियों द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसमें छात्रा ने खुद को बालिग होना बताया और अपनी मर्जी से शादी करने की बात कहीं. जिसके बाद हाईकोर्ट ने मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश दे दिया.
Kapil reports for Neo Politico Hindi.