जोधपुर: शेरगढ़ पुलिस थाने में एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज दो फर्जी मामलों से तंग आकर कुछ लोगों ने एक व्यक्ति पर हमला कर उसके हाथ-पांव तोड़ दिए। आरोपियों ने कहा कि वे अब झूठे मामलों में नहीं, बल्कि असली में जेल जाएंगे। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
थानाधिकारी सवाईसिंह ने बताया कि 42 वर्षीय पेपाराम मेघवाल ने एमडीएम अस्पताल जोधपुर के ट्रॉमा सेंटर में पुलिस को दिए अपने बयान के आधार पर हत्या के प्रयास की रिपोर्ट दर्ज कराई। पेपाराम ने बताया कि 27 जुलाई की सुबह करीब 11 बजे, जब वे सेखाला बैंक जा रहे थे, तभी उनकी गाड़ी को एक बिना नंबर की कैंपर गाड़ी ने रोका। गाड़ी में सवार छह लोगों में से तीन लोग बाहर निकले और उन पर हमला कर दिया।
पेपाराम ने अपने बयान में कहा कि हमलावरों में लक्ष्मणसिंह, विक्रमसिंह और अन्य शामिल थे। लक्ष्मणसिंह और विक्रमसिंह ने उन्हें गाड़ी से नीचे उतारा और लोहे की सरिया से पीटना शुरू कर दिया। हमले के दौरान उनके हाथ और पांव गंभीर रूप से घायल हो गए। हमलावरों ने उन्हें जातिसूचक गालियां दीं और धमकी दी कि मुकदमा वापस नहीं लिया तो अंजाम और भी बुरा होगा।
घटना के बाद ग्रामीणों ने पेपाराम को बालेसर अस्पताल पहुँचाया, जहाँ प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें एमडीएम अस्पताल जोधपुर रेफर किया गया। उनकी हालत गंभीर थी, लेकिन अस्पताल में उन्हें सही समय पर चिकित्सा सहायता मिली।इस घटना के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए विक्रमसिंह और भवानीसिंह को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है और पुलिस ने कहा है कि सभी दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
पेपाराम ने दर्ज कराये थे दो एट्रोसिटी एक्ट
पेपाराम ने इससे पहले विपक्षियों पर दो SC ST एक्ट के मामले दर्ज कराये थे। पिछला मामला 19 जुलाई को पेपाराम की पत्नी लीला देवी ने दर्ज कराया था जिसमें विक्रमसिंह और उसके साथियों को आरोपी बनाया गया था। 24 जून को भी पेपाराम ने एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसमे विक्रमसिंह और उसके साथियों पर FIR हुई थी। दोनों FIR के आरोपियों के अनुसार वह पेपाराम द्वारा दर्ज कराये जा रहे मुकदमों से परेशान हो गए थे।