लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जालौन में एक दुखद घटना सामने आई है, जहां पुलिस अभिरक्षा में नामजद युवक राजकुमार परिहार की मौत हो गई। पुलिस अधीक्षक डॉक्टर ईरज राजा ने मामले की जांच के बाद राजकुमार का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। तीन डॉक्टरों के पैनल ने मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में पोस्टमार्टम किया और इसकी वीडियोग्राफी भी कराई। पुलिस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, शरीर पर कोई बाहरी/आंतरिक चोट मौत का कारण नहीं पाई गई। जबकि एक वीडियो में मृतक के शरीर पर जख्म के बड़े बड़े चोटों के निशान साफ देखें जा सकते हैं।
पोस्टमार्टम में हार्ट अटैक का कारण
बता दें कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार राजकुमार की मौत हार्ट अटैक से हुई है। रिपोर्ट में शरीर पर किसी भी प्रकार के चोट के निशान नहीं मिले हैं। जबकि वीडियो में स्पष्ट रूप से मृतक के शरीर पर बड़े बड़े चोट के निशान देखे जा सकते हैं। परिवार ने आरोप लगाया है कि राजकुमार को बुरी तरह टॉर्चर किया गया था। डॉक्टरों की टीम ने बिसरा और हार्ट को सुरक्षित रखते हुए परीक्षण के लिए भेज दिया है ताकि मौत का सही कारण स्पष्ट हो सके।
क्या था मामला
10 जुलाई को उरई के इंदिरा नगर के रहने वाले संतोष अहिरवार का शव डकोर के ग्राम मोहना में बेतवा नदी किनारे मिला था। संतोष की सिर कुचल कर हत्या कर दी गई थी। संतोष की पत्नी ने अपने मकान मालिक राजकुमार परिहार सहित पांच लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया था। मृतक की पत्नी के कहने पर पुलिस ने 12 जुलाई को राजकुमार को गिरफ्तार किया। परिजनों का आरोप है कि उसे जुर्म स्वीकार्य करने के लिए बुरी तरह पीटा गया था जिससे उसने दम तोड़ दिया।
कैटरिंग का था बिजनेस
नियो पॉलिटीको से बातचीत में ग्राम प्रधान ने बताया कि मृतक राजकुमार के साथ कैटरिंग का बिजनेस करता था। दोनों का व्यापर काफी चल रहा था तो ऐसे में आशंका है कि विरोधियों ने संतोष की हत्या कराई हो। जिसमें राजकुमार को फंसा दिया गया। फिलहाल पूरे मामले ने पुलिस द्वारा UP में हो रही कस्टोडियल डेथ्स के विषय पर एक बार फिर चर्चा छेड़ दी है।
Nancy Dwivedi
Nancy Dwivedi reports for Neo Politico.