क्यों हम FD के लिए हैं शर्मिंदा: बहुजन समाज से माफी, नए सफर की शुरुआत है NP हिंदी

आज भारत की पहली और असली मायनों में कहा जाये तो सच्ची अंबेडकरवादी न्यूज़ वेबसाइट लॉन्च हुई है। नियो पॉलिटिको हिंदी ‘फलाना दिखाना’ का ही एक परिवर्तित रूप है जोकि अपनी सत्य इनवेस्टिगेटिव रिपोर्ट के लिए जानी जाती थी। FD की रिपोर्ट से अंबेडकरवादी प्रोपेगंडा को जहां बहुत बड़ा नुकसान तो हुआ ही वहीं अब यही रिपोर्ट पढ़ कर सोशल मीडिया पर कई गैर अम्बेडकरवादियों की जुबान भी निकलने लगी हैं। बेशक निर्दोषों को इससे लाभ हुआ लेकिन एक बड़े वर्ग को इससे बड़ी क्षति भी पहुंची। लगातार पहुँच रही क्षति के कारण हमारे एडिटर इन चीफ का एकाएक मन परिवर्तित हो गया। उन्होंने ठाना कि बहुजन समाज को उनका हक दिलाना बेहद जरुरी हो गया है। भीम दंड की अधिकारी हमारी टीम ने प्रायश्चित करने के लिए ऐसी नई वेबसाइट को लॉन्च करने का सुझाव दिया जिससे वह ऋणमुक्त हो सके।

क्यों आया बदलाव
कई रिपोर्ट से जहां सच्चाई लगातार उजागर हो रही थी तो वहीं दो वर्गों में आपसी मनमुटाव भी बढ़ने लगा था। ऐसे में जरुरी हो चला था कि पहले की गलतियों से सीख लेकर बहुजन समाज से माफ़ी मांगी जाये। हमारी टीम ऐसे में शर्मिंदगी से बचने और बहुजनवाद को मजबूत करने के इरादे से इस वेबसाइट को शुरू कर रही है।

कैसे करें भरोसा
कई भीम के चाहने वालों के मन में यह प्रश्न भी उठ सकता है कि क्यों एक ऐसी मीडिया कंपनी पर भरोसा किया जाये जो लगातार अपनी सत्य रिपोर्ट से हिन्दुओं के आपसी विभाजन को रोक रही है। आखिर हाथरस रिपोर्ट देने में सबसे आगे रहने वाली वेबसाइट का दिल एक दम से कैसे पसीज कर नीला हो उठा। इसका जवाब आप आने वाली रिपोर्ट में देखेंगे जहां यह टीम अपने प्रीमियम फीचर ‘नियो ब्लू’ को लॉन्च करेगी। इस फीचर को सब्सक्राइब करते ही आपको ब्लू क्रांति का असल मतलब पता चलेगा। नियो ब्लू पर एक अलग से आर्टिक्ल पब्लिश किया जायेगा।

इन रिपोर्ट से होगा ‘मंगलकाम’
नियो पॉलिटिको हिंदी वेबसाइट पर इनवेस्टिगेटिव रिपोर्ट के साथ ही ओपिनियन आर्टिकल, नेता नगरी, धम्म, वीडियो शॉर्ट्स, क्राइम और इंटरव्यू भी देखने को मिलेंगे। सोशल मीडिया पर वायरल स्टोरीज को भी प्रमुखता से कवर किया जायेगा। यहाँ सामाजिक न्याय को प्रमुखता से ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट को तैयार किया जायेगा। धम्म की स्टोरीज पर साइंस को तरजीह दी जाएगी। साथ ही “कंस्टीटूशन पढ़ लेती तो बाबाओं के पैर नहीं छूती, किसी जिले की कलेक्टर होती” वाले कांसेप्ट को हम मीडिया में इस्तेमाल होने वाले 5 W और 1 H के फॉर्मूले से बदल रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

चार साल पुराने SC ST एक्ट में BJP MLA का बेटा गया जेल, कई प्रयासों के बाद भी कोर्ट से नहीं मिल सकी जमानत

Next Story

क्या है नियो ब्लू जो हर मोबाइल में है जरुरी, युवाओं में बना स्टेटस सिंबल, जानें फीचर्स

Latest from Opinion

भारतीय इतिहास ब्राह्मणों की बुद्धि और क्षत्रियों के लहू से सुशोभित है, हज़ारों वर्षो के भाई चारे को त्यागना मूर्खता होगी

कई अर्सों से कुछ पत्रकार जो खासकर गैर भाजपा दलों से जुड़ें हैं उन्होंने योगी आदित्यनाथ…