जामताड़ा: झारखंड के जामताड़ा जिले के प्रखण्ड करमाटांड क्षेत्र के सुंदर जोरी में मुस्लिमों ने गाँव के हिन्दूओं पर धर्मांतरण का झूठा आरोप लगाने का मामला सामने आया है।
धर्म परिवर्तन का झूठा आरोप
जिले के प्रखण्ड करमाटांड क्षेत्र के सुंदर जोरी गाँव में मुस्लिम परिवार ने गाँव के हिन्दूओं पर जबरन धर्म परिवर्तन का झूठा आरोप लगाया हैं। गाँव के ही ताज अंसारी, रजाऊद्दीन अंसारी और शमशेर अंसारी ने आरोप लगाया कि गाँव के हिन्दू परिवार उन पर पत्थर लाठी डंडो से हमला कर उन पर जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहे हैं।
स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार पुलिस द्वारा इस मामले में बताया गया है कि पारिवारिक विवाद में हुए नुकसान से बचने के लिए और समाज के लोगों का साथ न मिलने के कारण झूठा धर्मांतरण का आरोप लगाया गया हैं।
पुलिस ने बताया कि कई बार मुस्लिम परिवारों के आपसी हमले में पड़ोसियों के घरों को भी नुकसान हुआ हैं। विवाद में हुए नुकसान का हिन्दूओं द्वारा विरोध किए जाने पर मुस्लिमों परिवारों द्वारा गाँव के हिन्दूओं (जिनकी संख्या अधिक हैं) पर जबरन धर्म परिवर्तन का झूठा आरोप लगा दिया गया। फिलहाल दोनों पक्षों को देखा जाए तो यह संवेदनशील और जांच का मुद्दा हैं जिसकी जांच होना बेहद जरूरी हैं।
पूर्व सांसद फुरकान ने किया दौरा
उधर गोड्डा से कांग्रेस के भूतपूर्व सांसद फुरकान अंसारी भी एक दिन पहले कर्माटांड़ के सुंदरजोड़ी ग्राम पहुंचे। जहां पिछले दिनों ग्राम के ही एक परिवार ने वीडियो वायरल कर हिंदू धर्म अपनाने की बात की थी।
अंसारी ने कहा कि यह वीडियो काफी वायरल भी हुआ जिससे विभिन्न राज्यों के मुस्लिम समुदाय के संगठनों ने मुझसे संपर्क कर इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने की मांग की। इसी क्रम में मैं सुंदर जोड़ी ग्राम पहुंचे एवं पूरे मामले को सुना। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद यह साफ हो गया कि यह विवाद हिंदू मुस्लिम या धर्म परिवर्तन का नहीं है यह पूरा मामला सीधे जमीन विवाद से जुड़ा है। परिवार वालों को सिर्फ डराने एवं धमकाने के नियत से यह वीडियो बनाया गया था।
उन्होंने कहा कि आपसी विवाद को समाज के बीच में कभी ना लाएं। इस्लाम धर्म शराब पीने की इजाजत नहीं देता फिर भी इस परिवार के युवा वर्ग शराब पीते हैं एवं गलत कामों से जुड़े हुए हैं। इसकी घोर निंदा करता हूं। यह लोग शराब के नशे में इस तरह की घटना को अंजाम देते हैं और बेवजह इसे धर्म परिवर्तन के नाम से जुड़ कर समाज का नाम खराब करते हैं। मैं इसे कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता।
आगे उन्होंने कहा आपसी विवाद को बैठकर सुलझाना चाहिए ना की विवाद में धर्म को बीच में लाना चाहिए। दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने के लिए समाज के बुद्धिजीवी एवं प्रशासन के लोगों को बुलाया जाएगा एवं उचित फैसला कर न्याय किया जाएगा। अगर यह लोग हमारे निर्णय को नहीं मानेंगे तो फिर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.