नई दिल्ली – राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा पुस्तकों में गलत और झूठा इतिहास बच्चों को पढ़ाया जा रहा हैं। जिसमें हिन्दू राजाओ को क्रूर और लुटेरे रूप में दिखाया जा रहा हैं और क्रूर इस्लामिक आक्रांता महमूद गजनवी को महान इस्लामिक योद्धा बताया जा रहा हैं।
पढ़ाई जा रही भ्रामक जानकारी
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा पुस्तकों में गलत और भ्रमित करने वाले इतिहास को लगातार परोसा जा रहा हैं। इस्लामिक आक्रांताओं को महान और योद्धाओं के रूप में पढ़ाया जा रहा हैं। ये कोई पहला या आखिरी बार नही हुआ हैं जब राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की शिक्षा नीति पर सवाल उठ रहे हैं।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा सातवीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान पुस्तक के पाठ- 5 में (शासक और इमारतों) बच्चों को लगातार भ्रामक और झूठ पढ़ाया जा रहा हैं। यूट्यूब चैनल हिस्ट्री ऑफ़ थिंग्स से प्राप्त जानकारी अनुसार पुस्तक में हिन्दू मंदिर राजराजेश्वर मंदिर का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि इस मंदिर का निर्माण राजा राजदेव ने अपने देवता राजराजेश्वरम की उपासना हेतु करवाया था।
पाठ में राजा राजदेव और राजराजेश्वर मंदिर के बारे में भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही हैं कि राजा राजदेव ने इस मंदिर का निर्माण इसलिए करवाया था कि वह खुद के और मंदिर के मिलते जुलते नाम को लेकर खुद को ईश्वर के रूप में दिखाना चाहता था। आगे मुसलमान सुल्तान और बादशाहों की तुलना करते हुए लिखा गया है कि मुस्लिम सुल्तान और बादशाहों ने कभी भी खुद को भगवान दिखाने का प्रयास नही किया गया।
मंदिरों और राजाओं का गलत इतिहास
आगे इसी श्रंखला में हिन्दू मंदिरों और राजाओं की छवि को धूमिल करने का काम किया गया हैं। जिसमें बताया गया है कि राजाओं द्वारा मंदिरों का निर्माण अपनी शक्ति – धन संपदा और ईश्वर के प्रति निष्ठा का प्रदर्शन मात्र है। जबकि कई हिन्दू राजाओं पांड्यन राजा, बुद्ध राजाओं और चोल राजाओं की छवि को धूमिल करते हुए बताया गया है कि उनके द्वारा एक से दूसरे राज्यों पर आक्रमण इसलिए किया जाता था ताकि वह मूर्तियों की लूट कर सके। तथा व्रदावन के मंदिरों की संरचना को मुस्लिम सल्तनतों मुगल महलों से प्रेरित बता गलत जानकारियां प्रेषित की जा रही है।
साथ ही मुस्लिम आक्रांताओं महमूद गजनवी को महान इस्लामिक योद्धाओं के रूप में दिखाया गया हैं। जबकि सभी को ज्ञात हैं कि महमूद गजनवी को भारत में इस्लामी शासन लाने और आक्रमण के दौरान लूटपाट मचाने के कारण एक लुटेरे आक्रांता के रूप में जाना जाता है। जो मंदिरों और धन संपदा को लूटकर ले गया था।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.