रायसेन: मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में स्थित रातापानी अभ्यारण्य में 103 विभिन्न प्रजाति की तितलियों की खोज हुई है।
प्रदेश के जनसंपर्क विभाग की ओर से दी गई अधिकारी जानकारी के मुताबिक रातापानी अभ्यारण्य में शुक्रवार से रविवार तक चले तितली सर्वेक्षण के दरम्यान 14 राज्य के 88 विशेषज्ञों ने 21 कैम्प के 80 ट्रेल्स पर पैदल गश्ती कर 103 विभिन्न प्रजाति की तितलियों की खोज कर सूचीबद्ध कर लिया है।
सर्वेक्षण में अत्यन्त दुर्लभ प्रजाति में पंचमढ़ी बुश ब्राउन, एंगल्ड पायरेट, ब्लैक राजा, नवाब कॉमन ट्री ब्राउन, ट्राई-कलर्ड पाइड प्लेट तितली मिली हैं। इस सर्वेक्षण में वाइल्ड वारियर्स और तिंसा फाउंडेशन की विशेष भागीदारी रही है।
सर्वेक्षण के अंतिम दिन अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक क्रमश: के. एमन और श्री संजय शुक्ला ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए।
अभ्यारण्य का परिचय:
रातापानी वन्यप्राणी अभ्यारण्य रायसेन जिले के औबेदुल्लागंज वनमंडल में स्थित है जिसका क्षेत्रफल 907.71 वर्ग कि.मी. है।
वनस्पति एवं वन्यप्राणी:
रातापानी वन्यप्राणी अभ्यारण्य का वन क्षेत्र बायोज्योग्राफ़िक वर्गीकरण की दृष्टि से डेकन पेनसुला जोन में सेंट्रल हाइलेण्ड और विंध्या बघेलखण्ड बायोटिक प्रोविंस की शुष्क पर्णपाती वनक्षेत्र श्रेणी में वर्गीकृत हैं। अभ्यारण्य क्षेत्र में मेमल्स की 30 प्रजातियां, पक्षियों की लगभग 112 प्रजातियां, मछलियों की 15 प्रजातियां तथा सरीसृप की लगभग 8 प्रजातियां पाई जाती हैं।
पर्यटन जोन:
क्षेत्र की सुंदरता और भोपाल से सामीप्य के कारण इस क्षेत्रर में पर्यटन धीरे – धीरे विकसित हो रहा है। बरखेडा क्षेत्र में भीमबैठिका शैलाश्रय, रातापानी जलाशय, बरूंसोत और नर्मदा दर्शन स्थानों पर पर्यटकों की पर्याप्त संख्या आती रही है। परिक्षेत्र बिनेका में केरबना एक सुंदर स्थल है।
दाहोद में बेतवा नदी उद्गम स्थल, कैरी महादेव, रणभैंसा चितोरी एवं इमलाना का बाघ क्षेत्र दर्शनीय है। देलाबाडी स्थित देलावन, पी.ओ.डब्लू कैम्प, गिन्नौरगढ़ किला, बडी आमखोह, कोलार नदी आदि ऐसे अनेक स्थल हैं जहां पर्यटकों की दिन प्रतिदिन रूचि बढ रही है।