चंडीगढ़: केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध करने वाले पंजाब के किसान यूनियन अब राजनीतिक मैदान में उतर गए हैं। आज पार्टी बनाकर उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने का इरादा स्पष्ट कर दिया है।
लगभग 22 किसान यूनियनों ने ‘संयुक्त समाज मोर्चा’ नाम से एक नई राजनीतिक पार्टी बनाई है जो आगामी पंजाब विधानसभा चुनावों में चुनावी शुरुआत करेगी।
शनिवार को चंडीगढ़ में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि व्यवस्था बदलने की जरूरत है और हम लोगों से इस मोर्चा का समर्थन करने की अपील करना चाहते हैं।
राजेवाल ने कहा, “पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए एक नया ‘संयुक्त समाज मोर्चा’ बनाया गया है। 22 यूनियनों ने यह निर्णय लिया है। हमें सिस्टम को बदलने की जरूरत है और लोगों से इस मोर्चा का समर्थन करने की अपील करना चाहते हैं।”
इससे पहले हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने भी अपनी नई पार्टी ‘संयुक्त संघर्ष पार्टी’ शुरू करने की घोषणा की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि नीति निर्माता पूंजीवाद को बढ़ावा दे रहे हैं, इसलिए वह आम लोगों और गरीबों की मदद के लिए एक नई पार्टी बना रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा नहीं लड़ेगा चुनाव
हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने स्पष्ट किया है कि वे पंजाब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे है। यह जानकारी मोर्चा की 9 सदस्यीय समन्वय समिति के नेता जगजीत सिंह डल्लेवालव डॉ. दर्शनपाल ने दी।
उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा जो देश भर में 400 से अधिक विभिन्न वैचारिक संगठनों का एक मंच है जो केवल किसानों के मुद्दों पर बना है। न तो चुनाव के बहिष्कार का कोई आह्वान नहीं है और न ही चुनाव लड़ने की कोई समझ बनी है। उन्होंने कहा कि इसे लोगों ने सरकार से अपना अधिकार दिलाने के लिए बनाया है और तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद संघर्ष को स्थगित कर दिया गया है, शेष मांगों पर 15 जनवरी को होने वाली बैठक में निर्णय लिया जाएगा।
SKM के नाम का इस्तेमाल नहीं, वरना कार्रवाई
पंजाब में 32 संगठनों के बारे में उन्होंने कहा कि इस विधानसभा चुनाव में संयुक्त रूप से चुनाव में जाने को लेकर आम सहमति नहीं थी। उन्होंने कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि चुनाव में भाग लेने वाले व्यक्ति या संगठन संयुक्त किसान मोर्चा या 32 संगठनों के नाम का इस्तेमाल नहीं करेंगे। ऐसा करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
नेताओं ने स्पष्ट किया कि 32 संगठनों के सामने क्रांतिकारी किसान यूनियन (डॉ दर्शनपाल), बीकेयू क्रांतिकारी ( सुरजीत फूल ), बीकेयू सिद्धूपुर (जगजीत डल्लेवाल), आजाद किसान कमेटी दोआबा (हरपाल संघा), जय किसान आंदोलन (गुरबख्श बरनाला), दसूहा गन्ना संघर्ष कमेटी (सुखपाल डफर ), किसान संघर्ष कमेटी पंजाब (इंदरजीत कोटबूढ़ा), लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसाइटी (बलदेव सिरसा) और कीर्ति किसान यूनियन पंजाब (हरदेव संधू) ने चुनाव लड़ने के खिलाफ स्पष्ट रुख रखा है।