नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बीते 5 सालों में मदरसों / अल्पसंख्यकों को शिक्षा प्रदान करने की योजना एसपीईएमएम के तहत 520.54 करोड़ रु. जारी किए गए हैं, जिसमें शिक्षकों का मानदेय भी शामिल है।
लोकसभा में MIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी द्वारा मदरसा आधुनिकीकरण योजना के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि शिक्षा मंत्रालय मदरसों / अल्पसंख्यकों को शिक्षा प्रदान करने की योजना (एसपीईएमएम) कार्यान्वित कर रहा था जिसे 01.04.2021 से अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को स्थानांतरित कर दिया गया है।
मदरसों व मकतबों की वित्तीय मदद
योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एसपीईएमएम एक अम्ब्रेला योजना है जिसमें दो उप योजनाएं शामिल हैं नामतः (i) मदरसों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की योजना (एसपीईएमएम) और (ii ) अल्पसंख्यक संस्थानों में बुनियादी ढांचा विकास (आईडीएमआई)। एसपीईएमएम योजना मदरसों और मकतबों जैसे पारंपरिक संस्थानों को अपने पाठ्यक्रम विज्ञान, गणित, सामाजिक अध्ययन हिंदी और अंग्रेजी जैसे विषयों के माध्यम से आधुनिक शिक्षा शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
संबंधित राज्य सरकारों को एसपीईएमएम के तहत सहायता के लिए उनकी वार्षिक समेकित योजना के आधार पर निधियां जारी की जाती है। पारंपरिक मदरसों और मकतबों के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया स्वैच्छिक है। योजना का फोकस समग्र शिक्षा के तहत गुणवत्ता घटकों के लिए मानकों के अनुसार गुणवत्ता संबंधी सहायता पर है।
अल्पसंख्यक संस्थानों में बुनियादी ढांचे को बढ़ाना
आईडीएमआई का उद्देश्य अल्पसंख्यक संस्थानों (प्राथमिक / माध्यमिक / वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों) में स्कूल के बुनियादी ढांचे को बढ़ाते हुए और मजबूत करते हुए करके अल्पसंख्यको शिक्षा में सुविधा प्रदान करना है ताकि अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चों को औपचारिक शिक्षा की सुविधाए प्रदान की जा सके।
सीएसएस योजना
यह एक केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) है और एसपीईएमएम के तहत वित्त पोषण का तरीका पूर्वोत्तर राज्यों, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और उत्तराखंड के लिए 90:10 है, बिना विधानमंडल वाले संघ राज्य क्षेत्रों के लिए 100 % है और शेष राज्यों के लिए 60:40 है।
प्रतिमाह मानदेय
आईडीएमआई घटक के लिए वित्त पोषण का तरीका 75 % केंद्रीय शेयर और संबंधित संस्थान द्वारा 25 % है। एसपीईएमएम के तहत स्नातक शिक्षक के लिए 6000 / – रु . प्रतिमाह तक के मानदेय का प्रावधान है। और बी.एड. के साथ स्नातक / स्नातकोत्तर / बी.एड के साथ स्नातकोत्तर के लिए प्रति मदरसा स्कूल में अधिकतम तीन शिक्षकों के लिए 12,000 / – रु. प्रतिमाह तक का प्रावधान है।
दूसरी किस्त पिछले वित्तीय वर्ष के लेखा परीक्षित उपयोग प्रमाण पत्र की प्राप्ति, पहली किस्त के रूप में जारी अनुदान के कम से कम 50% के उपयोग राज्य के हिस्से की पहली किस्त जारी करने और वास्तविक एवं वित्तीय प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर जारी की जाती है।
एसपीईएमएम के तहत ₹520.54 करोड़ जारी
मंत्री ने यह भी बताया कि पिछले 5 वर्षों में अर्थात 2016-17 से 2020-21 तक स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सहित विभिन्न राज्य सरकारों को एसपीईएमएम के तहत 520.54 करोड़ रु. जारी किए गए हैं, जिसमें शिक्षकों का मानदेय भी शामिल है।
वर्ष 2021-22 के लिए बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, त्रिपुरा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश राज्यों से शिक्षकों के मानदेय के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिन मंत्रालय के परियोजना अनुमोदन बोर्ड द्वारा विचार किया गया तथा पात्र मदरसों में शिक्षकों के मानदेय के प्रस्तावों को योजना के दिशा – निर्देशों के अनुसार अनुमोदित कर दिया गया है।