‘भारत में आरक्षण दुर्भाग्यपूर्ण, इसके कारण हम खो देंगे काबिलियत’: सद्गुरु

मैसूरु (कर्नाटक) : आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव यानी सद्गुरु नें देश में आरक्षण की व्यवस्था की समीक्षा की वक़ालत की है।
अक़्सर देश में देखा जाता है चुनावों में सभी दल अपने वोटबैंक को साधने के लिए साइड से जात पात की राजनीति करते हैं। लेकिन असलियत में इतने सालों के बावजूद उनके लिए क्या किया ये सच्चाई उनसे बेहतर कौन जानता है !
इधर देश के हर जरूरी, सामाजिक, व राष्ट्रहित के मुद्दों पर बेबाक़ी से राय रखने वाले विचारक, दार्शनिक व ईशा फाउंडेशन बनाने वाला सद्गुरु नें देश में आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया है।
Sadguru’s Pic While As Speaker in World Economic Forum
सद्गुरु जिनका मूल नाम जग्गी वासुदेव है जोकि एक लेखक, दार्शनिक वक्ता, व योगी के तौर पर पहचान रखते हैं। जहाँ दुनिया भर में सद्गुरु नें योग का प्रचार किया वहीं भारत में सूखी नदियों को बचाने के लिए रैली फॉर रिवर्स मुहीम चलाकर प्रसिद्धि पाई।
Sadguru With Indian Politicians Campaigning Rally For Rivers To Save Rivers
सद्गुरु नें हाल ही में मैसूरु के डेमोंस्ट्रेशन मल्टीपर्पज स्कूल में आयोजित “यूथ फ़ॉर ट्रूथ” कार्यक्रम को संबोधित किया था। कार्यक्रम में एक छात्र नें देश में आरक्षण की जातिगत व्यवस्था पर सवाल पूछा !

छात्र नें सद्गुरु से सवाल करते हुए कहा कि “नौकरियों और शिक्षा में जब जातिगत आरक्षण 2 पीढियां लेलें तो तीसरी पीढ़ी में आरक्षण नहीं मिलना चाहिए !”

छात्र के इस सवाल पर सद्गुरु नें सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जवाब दिया। उन्होंने कहा कि “प्रवेश के स्तर पर आरक्षण होना चाहिए, तरक्की के स्तर पर बिल्कुल नहीं। नौकरी और शिक्षा में उन्हें आप आरक्षण दीजिए लेकिन जरूरी योग्यता के बिना उन्हें आरक्षण मत दीजिए। ऐसा होना जरूरी है वरना हम आरक्षण की वजह से प्रतिभा/काबिलियत को खो देंगे।
Sadguru in ‘Youth For Truth Talk’
इसके बाद सद्गुरु नें देश में आरक्षण व उसके ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य पर भी चर्चा की। इसमें उन्होंने कहा कि “आरक्षण इस देश में एक दुर्भाग्यपूर्ण पूर्ण स्थिति है। क्योंकि हमने हजारों सालों से भेदभाव किया है, आरक्षण इस भेदभाव को मिटाने का एक प्रयास था।”
Sadguru While Discussing India’s Quota System
इसके बाद सद्गुरु नें आज़ादी के 70 सालों बाद भी आरक्षण व्यवस्था की आंशिक सफलता पर सवाल उठाते हुए कहा कि “हमने पिछले 70 सालों में इसमें सफलता पाई है क्या ! हां, बहुत से लोग जाति के पिंजड़े से बाहर आ गए लेकिन आज भी एक बड़ी आबादी उसी में फंसी हुई है।
Sadguru As Mystic
इसके बाद सद्गुरु नें आरक्षण की जातिगत व्यवस्था को देश के विभिन्न राज्यों में आँकड़ों के अनुसार समीक्षा की वक़ालत भी की।
उन्होंने कहा “समय बीतने के साथ आरक्षण को दोबारा व्यवस्थित करना चाहिए। अलग-अलग स्थानों पर यह अलग-अलग हो सकता है जैसे तमिलनाडु में अलग गुजरात में अलग।”
Demonstration Multi Purpose School Mysore Student
आगे कहा “हमें कम से कम 5 साल में आँकड़ों के आधार पर आरक्षण को व्यवस्थित करना चाहिए। यानी कितनी आबादी गरीबी से खुशहाली की ओर आई।”
इसके बाद सद्गुरु नें देश की राजनीतिक व्यवस्था में जातिगत राजनीति के लिए आरक्षण के इस्तेमाल किए जाने को सवाल खड़ा किया।
Sadguru With PM Modi
उन्होंने कहा कि “आरक्षण को व्यवस्थित करना चाहिए, लेकिन ये राजनीतिक चीज है। और आरक्षण को कोई भी राजनेता छूना नहीं चाहता क्योंकि चुनाव आंकड़ों का खेल है।”
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