दिसपुर (असम) : जाँच एजेंसी NIA नें हिंसा भड़काने के आरोप में RTI एक्टिविस्ट को गिरफ़्तार किया है जोकि असम को अलग देश बनाने की घोषणाएं करता था।
CAB, नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद पूर्वोत्तर राज्यों से इसके ख़िलाफ़ आवाजें आने लगी। धीरे धीरे ये आवाजें हिंसक होती चली गईं। ख़ासकर असम में स्थिति और खतरनाक हो गई, मुख्यमंत्री सहित सरकार के मंत्रियों, नेताओं के घरों में पत्थरबाजी की जाने लगी, बसों, गाड़ियों को आग के हवाले किया जाने लगा।
Union Minister & BJP MP from Dibrugarh (Assam), Rameshwar Teli: My uncle’s shop was set on fire & the boundary wall of my house was also damaged by protestors, last night around 11 pm. I appeal to the people of Assam to maintain peace. #CitizenshipAmendmentBill2019 pic.twitter.com/BL9XmKdoj5
— ANI (@ANI) December 12, 2019
लेकिन एक प्रश्न ये भी था कि आम लोगों का विरोध इतना हिंसक क्यों हुआ क्या इसमें कुछ अनचाही ताक़तों का भी हाथ था। देश की सुरक्षा एजेंसियां लगातार असम में इसका मुआयना कर रही थीं। इसी बीच NIA की टीम नें RTI एक्टिविस्ट अखिल गगोई को CAB के ख़िलाफ़ राज्य में हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
समाचार एजेंसी PTI से अधिकारियों ने कहा कि RTI कार्यकर्ता और किसान नेता अखिल गोगोई को गुरुवार को असम के जोरहाट जिले में एक सुरक्षात्मक उपाय के रूप में गिरफ्तार किया गया।
Gogoi had earlier in the day staged a sit-in outside the Jorhat Deputy Commissioner’s office.#CitizenshipWarhttps://t.co/gTr3m7gp8K
— India Today (@IndiaToday) December 12, 2019
जोरहाट प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि गोगोई को उनके समर्थकों द्वारा जिले के किसी भी “अप्रिय घटना” से बचने के लिए हिरासत में लिया गया था। कृषक मुक्ति संग्राम समिति (KMSS) के सलाहकार गोगोई ने इससे पहले दिन में जोरहाट के उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना दिया था।
हालांकि इस RTI कार्यकर्ता अखिल गगोई को पहले भी राज्य में अराजकता फैलाने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून NSA के तहत जेल में डाल दिया गया था।
Akhil Gogoi: Gauhati High Court orders release of Akhil Gogoi detained under NSA – The Economic Times https://t.co/aVl5ipWMIK
— Bikash Singh (@bikash_ET) December 22, 2017
वहीं अखिल पर इससे भी गम्भीर आरोप लग चुके हैं जिसमें असम को अलग देश की माँग करना भी शामिल है। हालांकि अलग देश बनाने वाली ख़बर भारतीय मीडिया में नहीं मिली लेकिन चौकाने वाली बात है कि पाकिस्तानी मीडिया में अखिल छाया रहता है, रेडियो पाकिस्तान नें ऐसी ही एक खबर जनवरी 2019 में छापी थी।
रेडियो पाकिस्तान में छपी उस रिपोर्ट के अनुसार अखिल नें विरोध रैली में कहा था कि असम के लोग स्वतंत्रता का विकल्प चुन सकते हैं यदि उनके प्रति उचित सम्मान नहीं दिखाया जाता है और नागरिकता संशोधन विधेयक, CAB पारित किया जाता है।
इसके बाद अखिल नें देश से सीधे तौर पर बंटवारा कर लेने की घोषणा कर डाली थी। अखिल का कहना था कि “ये स्पष्ट करना चाहते हैं कि यदि आवश्यकता और स्थिति उत्पन्न होती है, तो असमी लोग भारत से आज़ादी लेने के लिए तैयार हैं।
People of #Assam may opt for independence if proper respect not shown to them & Citizenship Amendment Bill is passed: Indian leader #AkhilGogoi https://t.co/LasUllGMyz
— Radio Pakistan (@RadioPakistan) January 28, 2019
हालांकि अब असम में इस नेता को जांच एजेंसी NIA नें गिरफ्तार कर लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक असम में अब जिंदगी सामान्य हो रही है, विरोध प्रदर्शन भी कम हो गए हैं।