154 हस्तियों नें CAA-NRC-NPR के समर्थन में राष्ट्रपति को लिखा पत्र, कहा- ‘विश्वभर में हैं ऐसे कानून’

नईदिल्ली : देश की 154 हस्तियों नें CAA, NRC व NPR के समर्थन में राष्ट्रपति को पत्र लिखा है।

154 मशहूर हस्तियों के एक समूह नें सोमवार को CAA, NRC, NPR को लेकर देश के राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। पत्र लिखने वालों में उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश, भूतपूर्व नौकरशाह, सशस्त्र बल के दिग्गज और शिक्षाविद शामिल हैं।

भारत के राष्ट्रपति को पत्र लिखकर हस्तियों नें कहा कि CAA, NRC व आगामी NPR के खिलाफ कुछ विशेष समूहों द्वारा चलाया गया अभियान था जोकि भ्रामक था। पत्र में विभिन्न उच्च न्यायालयों के 11 पूर्व न्यायाधीशों, 24 सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों, 11 पूर्व-आईएफएस अधिकारियों, 16 पूर्व आईपीएस अधिकारियों और 18 पूर्व लेफ्टिनेंट जनरलों के हस्ताक्षर हैं।

इन सभी हस्तियों ने पत्र में सीएए के खिलाफ पूरे देश में चल रहे विरोध प्रदर्शनों को पूरी गम्भीरता से देखने के लिए भारत सरकार से आग्रह किया है। और माँग की है कि उन प्रदर्शनों के पीछे निहित स्वार्थों वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करके देश के लोकतांत्रिक संस्थानों की रक्षा की जाए।

उन्होंने यहां तक ​​आरोप लगाया कि ये विरोध प्रदर्शन, सरकार की नीतियों का विरोध करने का दावा करते हुए, देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने के लिए तैयार किए गए थे। और देश में गड़बड़ियों पैदा करने में एक बाहरी हिस्सा भी है।”

आपको बता दें कि पत्र लिखने वाली हस्तियों में सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति परमोद कोहली, पूर्व रक्षा सचिव योगेंद्र नारायण, रॉ के पूर्व प्रमुख संजीव कुमार त्रिपाठी, केरल के पूर्व मुख्य सचिव सीवी आनंद बोस, केरल के पूर्व डीजीपी आर पद्मनाभन और पुदुचेरी विश्वविद्यालय के कुलपति गुरमीत सिंह शामिल हैं। –

इसमें कई हस्तियों ने कहा कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी के बारे में झूठ पर आधारित अभियान “योजनाबद्ध तरीके” से चलाया जा रहा था, जिसके कारण सार्वजनिक और निजी संपत्ति नष्ट हुई।

उन्होंने सीएए का बचाव करते हुए कहा कि यह संसद द्वारा पारित कानून था और भारतीय नागरिकों पर लागू नहीं था। इसके अलावा CAA संविधान के अनुच्छेद 15 का उल्लंघन नहीं करता है।

आगामी NPR पर, उन्होंने कहा कि यह एक कानूनी दायित्व था। NRC के लिए, नागरिकों ने जोर देकर कहा कि किसी देश के लिए अपनी सुरक्षा और लोगों की भलाई के लिए इस तरह के रजिस्टर को बनाए रखना एक महत्वपूर्ण आवश्यकता थी।

अंत में कहा कि “इस तरह के रजिस्टरों को दुनिया भर में बनाए रखा जा रहा है और पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों द्वारा बनाए रखा जा रहा है। यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि NRC धर्म, जाति, पंथ, रंग, भाषा और क्षेत्र से हटकर है।”

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