उदित राज की आरक्षण महारैली हुई महाफेल, 30 लाख लोग जुटने थे पर नहीं जुड़े हज़ार भी

नई दिल्ली: आरक्षण बचाओ महारैली में 25 से 30 लाख लोगो के जुटने का दावा करने वाले दलित नेता डॉ उदित राज के सभी दावों की हवा निकल गई।

पूरी वर्चुअल रैली में हमारी एक टीम ने नजर बनाये रखी थी। लगभग डेढ़ घंटे चली इस रैली में एक बार में करीब 900 लोगो से अधिक नहीं जुड़े थे।

ऐसे में 25 से 30 लाख का दावा करने वाले उदित राज का कहना था कि वह 3 महीने से इस रैली की तैयारी कर रहे थे जिसमे 1 हज़ार लोग भी एकसाथ नहीं जुट सके थे।

वहीं रैली के बड़ी असफलता से बचने के लिए भी उदित राज ने गलत आंकड़ों को बताते हुए कहा कि लगभग 1 लाख लोग विर्तुअली जुड़ चुके है परन्तु 1 लाख तो क्या 1 हज़ार लोग भी पूरी रैली में जुड़ न सके थे। हमने उदित राज व परिसंघ से जुड़े सभी फेसबुक पेज, इंस्टाग्राम, ट्विटर व यूट्यूब पर अपनी नज़ारे गड़ाई हुई थी।

ऐसे में फेसबुक में रैली ख़त्म होने तक भी केवल 31 हज़ार व्यू आये थे।

आपको बता दे कि किसी की फेसबुक फीड में आने के बाद अगर कोई स्क्रॉल करते हुए भी उस वीडियो से गुजर जाता है तो फेसबुक उसे व्यू के तौर पर गिन लेता है तो ऐसे में असल में जुड़ने वाले लोगो का नंबर जानने के लिए हम पुरे लाइव रैली से जुड़े रहे जिसमे 1 हज़ार का आंकड़ा भी उदित राज की रैली नहीं छू सकी।

ट्विटर पर 100 लोग भी नहीं जुड़ सके

मुलायम सिंह व मायावती पर बरसे उदित राज
रैली में निजी क्षेत्र में आरक्षण की बात को लेकर उदित राज मुलायम सिंह पर बरस पड़े। उन्होंने कहा कि जब आरक्षण को नौवीं अनुसूची में डालने के लिए बिल लाया गया था तो मुलायम सिंह ने उसे लोकसभा में फाड़ दिया था।

वहीं ओबीसी पर भी हमलावर होते हुए उदित राज ने कहा कि ओबीसी कभी अपनी लड़ाई के लिए आगे नहीं आता बल्कि उनके आरक्षण के बाद ही सवर्णो को दलितों के आरक्षण से दिक्कत होने लगी थी। साथ ही दलित नेता मायावती पर भी उदित राज खूब बरसे।

उन्होंने कहा कि मायावती ने दलितों से लिया ही है दिया कुछ नहीं है। मायावती ने कभी दलितों के आरक्षण को बचाने व निजी क्षेत्र में आरक्षण के लिए आवाज नहीं उठाई है।

भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर व अन्य सभी दलित संगठनों ने काटी उदित राज की महारैली से कन्नी
भीम आर्मी मुखिया के नदारद व अन्य दलित नेताओ के रैली को बॉयकॉट करने से दलित नेताओ के अंदर चल रही कलह सबके सामने आ गई है।

उदित राज ने अपनी रैली में इसका इशारा करते हुए कहा कि दलित नेता बहुजन समाज को गुमराह करने का प्रयास करते हुए सत्ता पाने के सपने दिखा कर बेवकूफ बना रहे है।

उदित राज के मुताबिक अपनी स्वयं की महत्वाकांक्षा के लिए यह दलित नेता छोटे छोटे राजनितिक दल बना कर एमपी एमएलए बनने के सपने देख रहे है इनका दलितों के मुद्दों से कोई वास्ता नहीं है।


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Why Harsh Meena is writing this piece?
Harsh Meena is a student of journalism at the University of Delhi. He reads and writes Dalit politics for exposing the venom spread by the so-called Dalit organizations. Besides, he is known for being vocal about the forceful conversions of the Hindu Dalits. Fun Fact, Dalit organizations hate him for exposing their nexus with Jay Meem!

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