खीरी (UP): दलित उत्पीड़न की घटना बता भीम आर्मी सहित नेताओं ने घटना गलत तरीके से पेश किया।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के ईसानगर क्षेत्र के पकरिया गांव में शुक्रवार देर रात एक 13 वर्षीय दलित लड़की के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई। खेत के लिए निकली लड़की घर तक नहीं पहुंच सकी। बाद में वह गन्ने के खेत में मृत पाई गई।
इस मुद्दे को दलित संगठनों भीम आर्मी दलित पैंथर व कई विपक्षी दलों ने दलित उत्पीड़न करार कर डाला। औऱ लड़की की आंख फोड़ने व जीभ काटने की खबर भी फैलाई।
BJP सरकार में दलित उत्पीड़न चरम पर है। लखीमपुर खीरी के पकरिया गाँव में दलित नाबालिग के साथ दरिंगगी के बाद उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। अगर यह जंगल राज नही है तो फिर जंगल राज किसे कहते हैं? हमारी बेटियां सुरक्षित नही, हमारे घर सुरक्षित नही, हर तरफ भय का माहौल है। योगी इस्तीफा दो
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) August 15, 2020
लेकिन स्थानीय पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया है कि लड़की ने घटना में जीभ काटी और आंखों निकाली गई, और पोस्टमॉर्टम में कहा गया कि मौत बलात्कार के बाद गला घोंटने से हुई थी।
पुलिस ने बताया कि लड़की शुक्रवार दोपहर अपने खेतों में गई थी। जब वह घर नहीं लौटी, तो उसके परिवार ने उसकी तलाश शुरू की और उसका शव एक गन्ने के खेत में मिला। शुक्रवार रात दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने संजय कुमार गौतम और संतोष यादव के खिलाफ ईसानगर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और एससी / एसटी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और दोनों आरोपियों को शनिवार को हिरासत में लिया गया था। बाद में शव परीक्षण की पुष्टि के बाद धारा 376 डी (सामूहिक बलात्कार) और POCSO को भी एफआईआर में जोड़ा गया।
एसएचओ ईसानगर ने अंग्रेजी अखबार टीओआई को बताया, “आरोपी संजय ने पिछले दिनों अपने खेत में शौच करने को लेकर लड़की के परिवार के साथ झगड़ा किया था। लड़की अपने गन्ने के खेत में मिली और परिवार ने शिकायत में उसका नाम दर्ज कराया था। पूछताछ के दौरान, संजय ने संतोष के साथ लड़की को मारने की बात स्वीकार की, जो कि खुद भी दलित है। लड़की की आँखें नहीं निकलीं, लेकिन गन्ने के नुकीले पत्तों की वजह से उसकी आँखों पर चोट के निशान थे।”
थाना ईसानगर जनपद खीरी अंतर्गत बालिका की हत्या की घटना के संबंध में तथ्यात्मक विवरण @Uppolice @adgzonelucknow @Igrangelucknow pic.twitter.com/bxk1NUK6nQ
— KHERI POLICE (@kheripolice) August 16, 2020
अर्थात घटना पर जातीय हिंसा का एंगल गलत है क्योंकि गिरफ्तार आरोपी खुद भी एक दलित समाज से तो दूसरा ओबीसी समाज से है। जिनपर NSA भी लगाया गया है।
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