मुंबई: बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने आरक्षण व्यवस्था के दुष्प्रभावों को फिर सामने किया है।
चुनावों में अक्सर जाति व उससे जुड़े आरक्षण की बात होती ही रहती है लेकिन सोशल मीडिया पर भी आजकल लोग इसके विरोध या समर्थन में अपनी प्रतिक्रिया देते रहते हैं। इसी क्रम में अब इस समय चर्चा में बनी हुईं बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने देश की आरक्षण व्यवस्था के दुष्प्रभाव को उजागर कर इसपर तीखे सवाल खड़े किए हैं।
कंगना ने एक न्यूज आर्टिकल साझा किया जिसमें बताया गया कि आरक्षण के कारण पंजाब PSC का एक अभ्यर्थी नेगेटिव मार्क्स पाकर भी परीक्षा के लिए क्वालीफाई करता है। इस आर्टिकल के साथ कंगना आरक्षण के दुष्प्रभावों की बात करती हैं। उन्होंने कहा “लोकतंत्र में हम केवल अपने विशेषाधिकारों के सकारात्मक पक्ष को नहीं देख सकते हैं और नकारात्मक पहलुओं को स्वीकार करने से इंकार कर सकते हैं। अवश्य ही आरक्षण के भयावह दुष्पप्रभाव हैं।”
In a democracy we can’t simply look at the positive side of our privileges and refuse to acknowledge the negative aspects, absolutely appalling side effects of #Reservations https://t.co/smPC5LrBJv
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) August 30, 2020
कंगना ने आरक्षण व्यवस्था पर उठाए थे ये सवाल:
पिछले दिनों कंगना ने ट्विटर पर कई टिप्पणियों को अलग अलग जवाब दिया था। एक जवाब में उन्होंने भारत की जाति व्यवस्था को लेकर कहा कि “आधुनिक भारतीयों द्वारा जाति व्यवस्था को अस्वीकार कर दिया गया है, छोटे शहरों में हर कोई जानता है कि यह कानून व्यवस्था द्वारा अब स्वीकार्य नहीं है और कुछ के लिए एक दुखद खुशी से अधिक कुछ भी नहीं है। केवल हमारा संविधान आरक्षण के मामले में इसे पकड़े हुए है, इसे जाने दो, इसके बारे में बात करते हैं।”
इसके बाद आरक्षण व इसके नुकसान पर जवाब देते हुए कंगना ने कहा कि, “विशेष रूप से डॉक्टर इंजीनियर व पायलट जैसे व्यवसायों में, सबसे योग्य लोगों को आरक्षण का नुकसान होता है। हमें एक राष्ट्र के रूप में मध्यम स्तर से नुकसान होता है और प्रतिभाएं अमेरिका के लिए गैरइरादतन पलायन कर जाती हैं।”
फिर आरक्षण को नेपोटिज्म से जोड़ते हुए इसके वैकल्पिक व्यवस्था की बात करते हुए कंगना ने कहा कि “शोषितों के उत्थान के कई तरीके हैं, बजाय उन्हें रैंक देने के, जिस पद के लिए वो योग्य नहीं हैं। अपनी योग्यता कमाना सीखें, उसी के लिए खड़ी हूँ। आरक्षण एक ही कानून पर काम करता है जैसे कि भाई-भतीजावाद, जिसमें अयोग्य को नौकरी मिलती है और इससे देश का नुकसान होता है।”
कंगना ने फिर महिलाओं के विकास की भी बात की और कहा कि “फिर महिलाओं को आरक्षण क्यों नहीं दिया जाता है, वे सबसे शोषित वर्ग हैं जिन्हें मैं आंकड़ों के साथ साबित कर सकती हूं, आपकी सहानुभूति चयनात्मक नहीं हो सकती है। जाति और लिंग की परवाह किए बिना इस राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए सर्वश्रेष्ठ बुद्धियों को आने दें। यदि आप उत्थान करना चाहते हैं जिन सभी के साथ अन्याय किया गया है।”
अंतिम में कंगना ने जवाब देकर कहा कि “आरक्षण की बात करके मुझे यहां कुछ भी हासिल नहीं हुआ और न ही खोया, मैं वही साझा कर रही हूं जैसा लाखों लोग करते हैं।”
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वैसे आपके विचार सोचने लायक तो है। लेकिन यह सवाल आप किस से कर रही है? उन से जिन्होंने हजारो साल जलील होकर जिंदगी जी है? या उनसे जिन्होंने उन्हें जलील कियाया है? कोई अगर जुर्म करता है तो उस की सजा किसे मिलेंगी जुर्म करने वाले को या जिस पर जुर्म हुवा है उसे? देश और ब्रैंन ड्रेन की बात कर रही हो तो क्या हजारो सालो स्व देश नही था बस 70 साल में पैदा हुआ या 2014 के बाद ही जन्मा है? जिन्होंने कर्म किये है वे भुगतेंगे और भुगतान नही है तो निकल लो तुम्हे भी किसी ने रोका नही है। देश की हर किसी से बनता है और देश की रिसोर्सेज पर हर नागरिक का समान अघिकार बनता है कोइ केवल किसी के घर मे पैदा हो जाये और सारी सिविधाये पाये और कोई ताउम्र असुविधाओं से जूझता रहे । यह नही चलेगा। आरक्षण कोई गरीबी हटावे मुहिम नही है वह प्रतिनिधित्व का मामला है। जरा अपनी अक्ल लगाओ समझ मे आ जएगा। अपवाद को नियम बनाकर राष्ट्रीय स्तर पे ऐसी दखियानुसी बातों को छेड़ना देहद्रोह से कम नही है। और कुछ अपनी हिस्ट्री का भी लिहाज कर लिया कीजिये। कैसी फिल्मो से शुरुवात कर के आप यहै पोहोची हो जनता को भी पता है तो क्या जनता आपको उस रील लाइफ को सही माने या आप अब जो है उसे?