नई दिल्ली: अब देश की संसद में मनुस्मृति के मंत्रों का उच्चारण भी सुनाई पड़ा है।
कल अचानक देश की संसद में प्राचीन धर्मग्रंथ मनुस्मृति के मंत्र गूंज उठे। भाजपा के लोकसभा में सबसे युवा सांसद तेजस्वी सूर्या ने लोकसभा में बैकिंग संशोधन बिल 2020 के विषय पर बोलते हुए तेजस्वी ने मनुस्मृति के एक मंत्र का उच्चारण कर प्राचीन काल में बैंकिंग प्रणाली को समझाया।
उन्होंने कहा कि “बैंकिंग को नियमन की आवश्यकता है और धर्मशास्त्रों ने अच्छी बैंकिंग प्रथाओं की सराहना की है।”
मनुस्मृति श्लोक: यो निक्षेपं नार्पयति, यक्ष अनिक्षिप्यनिश्यते तावु भू त्रवत शास्यौ, दप्यवा तब समं दमम् ||
अर्थात: “उधारकर्ता जो चुकता नहीं करता है, बैंकर जो जमाकर्ता को भुगतान नहीं करता है वह चोर है और उसे दंडित किया जाना चाहिए।”
Banking needs regulation & Dharmashastras commended good banking practices
Manusmriti:
यो निक्षेपं नार्पयति, यक्ष अनिक्षिप्य याच्यते
तावुभौ चोरवत शास्यौ, दाप्यावा तत् समं दमम् ||Borrower who doesnt repay, banker who doesnt pay depositor are thieves & must be punished
Part 4 pic.twitter.com/nlbJqZOegZ
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) September 16, 2020
बता दें कि इस दौरान तेजस्वी लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए बैंकिंग बिल 2020 का भी समर्थन किया।
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