हाथरस: हाथरस कांड में CBI जाँच से लेकर SIT लगातार पीड़ित पक्ष व आरोपियों से सावल जवाब कर रही है। जिसपर अभी भी क्या और कैसे जाँच आगे बढ़ रही है उस पर अन्य मीडिया संस्थान कुछ भी कहने से बच रहे है।
हमारी टीम ने कड़ी मेहनत से CBI व SIT द्वारा क्या क्या सवाल जवाब किये गए व आरोपियों के घर से क्या क्या चीजे बरामद करी गयी है उसपर एक सत्यापित रिपोर्ट तैयार करी है। रिपोर्ट में शामिल किये गए तथ्य व प्रशनो के सवाल जवाब मौके पर मौजूद रहे लोगो से जुटाए गए है (स्रोतों की सुरक्षा हेतु हम उनका नाम उजागर नहीं कर रहे है)।
सबसे पहले आपको यह बता दें CBI ने अपनी जाँच में जब पीड़िता के भाई व माँ के अलग अलग लिए गए बयानों में भारी अंतर पाया गया था तो उनसे CBI ने अपने कैंप में बुलाकर लगातार 7 घंटे तक पूछताछ करी थी। सूत्रों के अनुसार कई पहलुओ पर जाँच एजेंसी को संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाए थे।
जिसके बाद CBI की टीम ने चारो आरोपियों के परिजनों का रुख किया था। आपको बता दें CBI से पहले SIT ने आरोपियों के परिजनों को अपने ऑफिस बुलाकर गहन पूछताछ करी थी। आरोपियों के परिजनों से पूछा गया था कि लव कुश पानी पिलाने से पहले क्या लगातार अपनी माँ के साथ था? घटना के बाद से गिरफ्तार होने तक उनकी आरोपियों से क्या क्या बाते हुई। संदीप घटना से पहले क्या कार्य कर रहा था। रामु घटना वाले दिन कहाँ था। आदि
SIT की जाँच में वह सभी प्रश्न शामिल थे जो हमने अपनी पिछली तीन रिपोर्ट में प्रकाशित कर उनके उत्तर खोजे थे। परिजनों के बातये उत्तर वही थे जोकि हमारी रिपोर्ट से 100 प्रतिशत मेल खा रहे थे। वहीं SIT के रवैये से भी परिजनों को लग रहा है कि वह उनके जवाबो से बेहद संतुष्ट थे। SIT ने परिजनों को ज्यादा परेशान न करते हुए कुछ ही देर में उन्हें उनके घर भिजवा दिया था।
CBI ने घर पहुंच क्या किया
CBI बीते दिन ही आरोपियों के घर पहुंची थी। परिजनों ने हमें बताया कि CBI ने घर में पहुंच कर घर में मौजूद चीजों को देखा। उनके मोबाइल फ़ोन की जाँच करी व कुछ चीजे अपने साथ ले गयी। जब हमने पूछा कि वह कौन सी चीजे थी जो जाँच एजेंसी अपने साथ ले गयी तो उन्होने बताया कि उन्होंने कुछ डाक्यूमेंट्स ले लिए है व दो तीन दिन बाद उन्हें वापस कर देने की बाते कही है।
CBI ने पाया कि एक आरोपी रामु उस वक्त अपनी फैक्ट्री में था मौजूद
CBI को परिजनों ने बताया कि रामु उस समय अपनी फैक्ट्री में था। उन्होंने आगे बताया कि CBI ने इसके बारे फैक्ट्री में जाकर भी पूछा जहां उसके होने के सबूत व मालिक ने रामु के वहां काम पर होने की पुष्टि भी करी थी। ज्ञात होकि इससे पहले हमने सर्वप्रथम रामु के फैक्ट्री मालिक से बात कर उसके उस वक़्त काम पर मौजूद होने के सबूतों को अपनी रिपोर्ट में प्रेषित किया था।
CBI ने कॉल डिटेल निकाली
CBI ने साथ ही आरोपियों के फोन की कॉल डिटेल निकाली हुई थी। जिससे उन्हें अंदाजा था कि कौन सा आरोपियों कहाँ था और पूरा माजरा क्या है। आरोपियों के परिजनों की कॉल डिटेल्स के साथ उनके फ़ोन को भी CBI ने मौके पर ही चेक कर उन्हें सौप दिया था।
CBI ने नहीं पूछे अधिक प्रश्न, कहाँ जरुरत पड़ी तो बुलाएँगे
परिजनों ने हमें आगे बताया कि परिजन हमारे द्वारा दिए गए सबूतों व जवाब से संतुष्ट लग रहे थे। यह तो तय था कि CBI अपना पूरा होम वर्क कर के आई थी व उनको घटना की मोटी मोटी बाते पता थी। रामु के फैक्ट्री मालिक के सत्यापन व अन्य मजदूरों द्वारा उसके फैक्ट्री पर मौजूद रहने की बाते व उसकी कॉल लोकेशन से भी CBI को सब कुछ समझ आने लगा है। खैर CBI ने जरुरत पड़ने पर आरोपियों के परिजनों को बुलाने की बाते कही है। परिजनों के अनुसार CBI कागजो के अलावा कोई भी सामान उनके घर से जांचने के बाद नहीं ले गयी। जाँच एजेंसी को मौके पर कुछ भी आपत्तिजनक सामान नहीं मिला है।
पीड़ित पक्ष के बदलते बयानों ने CBI को भी किया हुआ है परेशान
पीड़ित पक्ष में माँ व भाई के लगातार बदलते बयानों ने CBI को भी परेशान करके रख दिया है। अलग अलग करी गयी पूछताछ में भाई व माँ ने संतोष जनक जवाब नहीं दिए थे। जिस कारण उनसे 7 घंटे लगातार पूछताछ करी गयी। वहीं आरोपियों की ओर से एक ही जवाब दिया जा रहा है।
मोबाइल लोकेशन व कॉल डिटेल्स से भी सब साफ़ नजर आ रहा है। साथ ही रामु के काम पर रहने की पुष्टि होने के बाद CBI की जाँच ने रफ़्तार पकड़ ली है। आरोपियों के परिजनों के अनुसार उन्हें न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है।
(जैसे जैसे CBI जाँच आगे बढ़ेगी उसकी सटीक जानकारी आपको न्यूज़ में अपडेट के तौर पर मिलती रहेगी। अपडेट पाने के लिए हमारे ट्विटर हैंडल @FDikhanaको फॉलो करें।)
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