चेन्नई: (VCK) चीफ थोल थिरूमावलवन के लिए उन्हीं का एक बयान भारी पड़ा है, जिसे लेकर उनके खिलाफ चेन्नई पुलिस ने केस दर्ज कर दिया है। आरोप है कि वीसीके नेता ने शुक्रवार को दिए अपने बयान के जरिए वैमनस्य की भावना को विभिन्न धार्मिक संगठनों के बीच बढ़ावा दिया। पुलिस ने यह ऐक्शन BJP लीगल सेल के राज्य सचिव अश्वथमन की ऑनलाइन शिकायत पर लिया है।
कौन है ये दलित नेता:
तिरुमावलवन या तोल. तिरुमावलवन, एक दलित नेता हैं, 15वीं लोकसभा में चिदम्बरम से लोकसभा सांसद और तमिलनाडु राज्य की एक दलित राजनीतिक पार्टी, विड़ूदलाई चिरुतैगल कच्ची (लिबरेशन पैंथर्स पार्टी) के मौजूदा अध्यक्ष हैं।
मसला क्या था:
दरअसल, यह पूरा मामला एक वीडियो क्लिप से जुड़ा है, जो सितंबर में सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। बीजेपी और वीसीके के बीच इसी वीडियो को लेकर विवाद हुआ। यह क्लिप पेरियार और भारतीय राजनीति पर एक वेबिनार के दौरान की थी, जिसमें थिरूमावलवन ने मनुस्मृति का हवाला देते हुए कहा था, “महिलाओं के बारे में सनातन धर्म क्या कहता है? हिंदू धर्म और मनु धर्म कहता है कि भगवान ने महिलाओं की उत्पत्ति वेश्याओं के तौर पर की।”
भाजपा ने बनाया मुद्दा:
इस बीच, एक्ट्रेस व भाजपा नेता खुशबु सुंदर ने चेन्नई में पार्टी कार्यलय में मीडिया से बातचीत के दौरान बयान पर “महिलाओं को बदनाम करने और एक विशेष समुदाय को लक्षित करने के लिए” तिरुमलावन से माफी की मांग की। उन्होंने वीसीके के सहयोगियों की चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि “राजनीति से परे, मैं इस तरह के गलत बयान देने के लिए वीसीके नेता की निंदा करती हूं। उन्होंने यह समझने के लिए चुना है कि धर्मग्रंथों में क्या है।”
VCK ने किया बचाव:
VCK ने एक बयान में कहा कि “हम अपनी आवाज़ उठा रहे हैं और ख़ुशबू सहित महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए विरोध कर रहे हैं। लेकिन यह चौंकाने वाला है कि वह मनुस्मृति सिद्धांत का बचाव कर रही है।”
सांसद पर FIR दर्ज:
वीसीके नेता को बीजेपी के कानूनी प्रकोष्ठ के राज्य सचिव ए अश्वथमन की शिकायत के आधार पर बुक किया गया था। भाजपा नेता ने कहा थिरुमावलवन ने एक निजी YouTube चैनल द्वारा आयोजित एक वेबिनार में बोलते हुए सनातन धर्म के विरुद्ध टिप्पणी की थी। दलित नेता पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153, 153 (ए) (1) (ए), 295 ए, 298, 505 (1) (बी) और 505 (2) के तहत आरोप दायर किए गए हैं।
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