औरंगाबाद: महाराष्ट्र में पालघर जैसी घटना दोहराने की कोशिश की गई है अबकी बार नागा साधु को जान से मारने की कोशिश हुई।
दरअसल महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के पैठण तहसील में आने वाले गांव जांभली में पालघर जैसी घटना दोहराने की कोशिश की गई। करीब 200 लोगो ने नागा साधु को जान से मारने की कोशिश की। घटना 25 दिसंबर की है, औरंगाबाद जिले के पैठन तहसील में स्थित ग्राम पंचायत जांबली के मेहरबान नाईक टांडा गांव में टेकडी नामक एक पहाड़ पर स्थित भगवान श्री राम के मंदिर पर जूना अखाड़े के महंत गणेश पुरी पर नीलजगांव के लोगो ने हमला कर दिया और कुल्हाड़ी और अन्य धारदार हथियार से जान से मारने की कोशिश की।
मुख्य आरोपी भरत मोगल से कहासुनी हुई थी:
नीलाजगांव का रहने वाला भरत मोगल 25 दिसंबर की सुबह दर्शन करने टेकड़ी पहाड़ पर स्थित मंदिर पर गया था। बाबा के बाड़े में गाय बाहर चरने के लिए चली गई तो बाबा ने गायों को कहते हुए कि हम भी मूर्ख और तुम भी जो तुम्हे बाड़े में पाल रखा है फिर भी तुम चरने के लिए बाहर जा रही हो इसी बात को आरोपी अपने पर ले गया और बाबा से ये कहते हुए उलझ गया कि आपने मुझे मूर्ख बोला।
बाबा समझाते रहे लेकिन नहीं माना आरोपी:
बाबा आरोपी को समझाते रहे कि मैंने तुम्हें नहीं गायों को बोला है लेकिन आरोपी नहीं माना और गांव वालो को फोन करके बाबा को मारने के लिए बुला दिया।
हथियारों से लैस गांव वालो ने बाबा पर हमला किया:
करीब पचासों की संख्या में गांव वाले कुल्हाड़ी और डंडे से लैस होकर बाबा पर हमला कर दिया और उन्हें मारकर निर्वस्त्र कर दिया और नीचे झाड़ी में फेंक दिया। पैर और हाथ काटने की कोशिश की। हथियार से लैस गांव वालो ने बाबा के हाथ और पैर पर कुल्हाड़ी से वार करके काटने की कोशिश की। जिससे हाथ और पैर में गहरा जख्म हो गया।
मेहरबान नाईक टांडा के लोगो ने बाबा को बचाया:
जब नीलजगाव के लोगो ने बाबा को मृत समझकर निर्वस्त्र करके पहाड़ी के नीचे फेंक दिया तो मेहरबान नाईक टांडा के लोगो ने बाबा को तुरंत उठाकर कपड़े पहनाए और पुलिस को सूचित किया।
पुलिस ने उपचार कराने की जगह बाबा को थाने में बैठाए रखा:
बाबा मृतप्राय अवस्था में थे पुलिस ने उन्हें उपचार कराने की बजाय थाने में बैठाए रखा और उन्हें तहरीर लिखकर देने का दबाव बनाते रहे।
पालघर जैसे मारे जाने का था डर:
वीडियो में बाबा बार बार ये कहते हुए दिख रहे हैं कि मुझे भी पालघर जैसे मार दोगे तुम लोग। अपनी सुरक्षा में तलवार निकाली। जब काफी अनुनय विनय करने के बाद भी गांव वाले नहीं माने और जान लेने पर उतारू दिखे तो बाबा ने खुद की रक्षा के लिए पूजे जाने वाली तलवार निकाल कर लोगो को पीछे हटाने की कोशिश की।
शिष्य नहीं कराता उपचार तो बाबा की मृत्यु हो जाती:
बाबा के शिष्य जय सिंह चव्हाण को जब घटना के बारे में पता चला तो थाने पहुंचे और बाबा को मृतप्राय अवस्था में देख पुलिस से उपचार कराने का निवेदन किया। मगर पुलिस वाले तहरी लिखाने पर अड़े रहे काफी देर के बाद पुलिस ने उपचार के लिए जाने को राजी हुए। बगल के घाटी के सरकारी अस्पताल में बाबा का उपचार हो रहा है बाबा अभी हॉस्पिटल में भर्ती हैं।
Vivek is an ordinary man who breaks unusual news.