बालाघाट: मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में शिव मंदिर, वैनगंगा नदी के किनारे शंकरघाट प्रमुख आस्था का केंद्र हैं, भगवान शिव के इस मंदिर के बारे में प्राचीन रहस्य हैं इसलिए इसे रहस्यों का गढ़ भी माना जाता है।
लोगों की ऐसी मान्यता है कि यह काफी प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। यहां हर साल शिवरात्रि पर हजारों में लोगों की भीड़ इकट्ठा होती है और हर रोज लोग यहाँ आतें है और भगवान शिव जी के मंदिर में दर्शन करते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह क्षेत्र आस्था और प्राचीन इतिहास दोनों से जुड़ा हुआ हैं।
शिव मंदिर शंकरघाट:
जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश राज्य के बालाघाट जिले में वैनगंगा नदी के किनारे शंकर घाट पर स्थित प्राचीन और प्रसिद्ध शिव मंदिर हैं। यहाँ के स्थानीय लोग मानते हैं कि यहां आने वाले सभी लोगों की मनोकामनाएं शिव जी पूर्ण करते हैं।
कई सालों से यहाँ रह रहे एक बाबा के द्वारा बताया जाता है कि शिव मंदिर के नीचे प्राचीन गर्भ गृह है, जहां प्राचीन शिव पार्वती की प्रतिमा है, जहां एक सुरंग भी हैं, जहां एक पुजारी को भी देखा जाता था जो ब्रम्हमुहूर्त में पूजा करने आता हैं। और इसमें प्राचीन मंदिर होने और सुरंग के दावे का समर्थन इतिहासकार और पुरातत्व विशेषज्ञ भी करते हैं।
सामान्यतः इस मंदिर को भक्त आस्था के केंद्र के तौर पर ही जानते हैं, लेकिन इस मंदिर के अतीत को लेकर जो दावे किए जा रहे हैं, वह यकीनन चौंकाने वाले हैं। ये दावे कई रहस्यों को जन्म दे रहे हैं।
इतिहास पुरातत्व संग्रहालय के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह गहरवार जी बताते हैं कि शंकरघाट में शिव मंदिर के भीतर जाकर शिवलिंग के बाजू से ही प्राचीन मंदिर और गर्भ गृह जाने का रास्ता है, जो पिछले 50-60 वर्षों से बंद है। यहां शिवलिंग के पास ही दो भोलेनाथ की सवारी नंदी की दो प्रतिमा हैं, जिसमें एक प्रतिमा अति प्राचीन है जिसे मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद ऊपर स्थापित कराया गया है। गहरवार की माने तो मंदिर के सामने ही वैनगंगा नदी के किनारे से प्राचीन मंदिर में जाने की सुरंग भी है।
बालाघाट किसी भी यात्री के लिए एक रमणीय स्थल है। शहर के पास कान्हा राष्ट्रीय उद्यान इसके प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.