रेवाड़ी: 26 जनवरी को कृषि कानूनों के विरोध में हुई ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली लाल सहित दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर देशभर में किसान आंदोलन के खिलाफ आवाजें अब उठनी शुरू हो गई हैं।
इसी क्रम में हरियाणा में भी सड़क को आंदोलन स्थल बनाकर दिए जा रहे लगातार धरने के कारण आसपास के लोग आंदोलनकारियों से नाराज हो रहे हैं। लिहाजा रेवाड़ी जिले में 15 गांव की पंचायत आयोजित की गई जिसमें प्रदर्शनकारियों को 24 घंटे में प्रदर्शन स्थल खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया।
गौरतलब है कि रेवाड़ी जिले के डूंगरवास में 15 गांवों की किसान आंदोलन विरोधी पंचायत की गई। जिसमें ग्रामीणों ने कहा कि यहां फर्जी किसानों ने हाईवे को ब्लॉक किया हुआ है। एक बार हाईवे खाली करने के लिए सड़क पर बैठे किसानों को कहा जाएगा। उसके बाद दोबारा पंचायत कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
ग्रामीणों ने कल दिल्ली में हुई घटना के बाद लोगों में गुस्सा जाहिर किया है। NH 48 पर धारूहेड़ा में बैठे तथाकथित किसानों को कल तक यहां से चले जाने का अल्टीमेटम दिया।
आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि इनके प्रदर्शन के कारण हमारे रोजमर्रा की जिंदगी पर बहुत असर पड़ा है। यहां सड़कों के आसपास हर जगह शौचालय कर बहुत गंदगी मचाई गई है। इसके अलावा पानी की सप्लाई को भी अवरुद्ध कर दिया गया है कई जगह पानी की पाइप पर टूट गई हैं। इनके कारण हमें बहुत परेशानी हो रही है, यह जगह खाली कर दें।
इस दौरान NH 48 पर बैठे प्रदर्शनकारियों व ग्रामीणों के बीच तीखी बहस भी शुरू हो गई। एक तरफ से प्रदर्शनकारी किसान एकता के लिए नारा लगाने लगे तो दूसरी तरफ से ग्रामीणों ने कहा कि तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा और यह जो दिल्ली में हिंसा हुई है इसकी जिम्मेदारी इन्हीं लोगों पर है और इन्हें तुरंत यहां से हट जाना चाहिए यह हमारी जमीनें हैं। पंचायत में यह बात भी सामने आई है कि जिन गाँवों के किसानो ने आंदोलन में भाग लिया हुआ उन्हें गाँव से बाहर का रास्ता दिखा दिया जायेगा।
ग्रामीणों ने धरना स्थल पर मौजूद पुलिस कर्मियों से भी मुलाकात की और अपना संदेश दिया। दोनों गुटों में बहस के अलावा कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए पुलिस बार बार बीचबचाव करती रही।
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