प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अपने प्रदेश में सांस्कृतिक विरासतों को जन जन तक प्रसारित कर धार्मिक चेतना विकसित करने का प्रयास करती रही है। इसी क्रम में काशी, प्रयाग समेत उत्तर प्रदेश के करीब 1100 स्थानों पर अब गंगा आरती होगी।
इसके लिए बिजनौर से बलिया तक योगी सरकार 1038 नए आरती चबूतरों का निर्माण करने जा रही है। नमामि गंगे विभाग की अगुआई में गंगा के दोनों किनारों पर बसे 1038 गांवों को नए आरती स्थल के तौर पर चुना गया है। आरती चबूतरों पर रोज तय समय पर गंगा आरती का आयोजन किया जाएगा।
बिजनौर से लेकर बलिया तक इन 1038 गांवों में गंगा घाट का निर्माण कर उन्हें धार्मिक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। गंगा के 5 किलोमीटर के दायरे में बसे इन गांवों में धर्मार्थ भवन निर्माण करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले का समर्थन कर तारीफ की है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा है कि इस फैसले से गंगा की धारा को अविरल और निर्मल बनाने में सहयोग मिलेगा।
गंगा स्वच्छता अभियान को मिलेगा बल:
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने तारीफ कर कहा कि इससे गंगा स्वच्छता अभियान को बल मिलेगा और गंगा प्रदूषण मुक्त होगी। इससे भारतीय धर्म संस्कृति परंपरा का विकास होगा और नई पीढ़ी का इसमें विश्वास बढ़ेगा। इसके साथ ही मोक्षदायिनी कहीं जाने वाली राष्ट्रीय नदी का महत्व और बढ़ जाएगा।
सीएम योगी का जताया आभार:
नरेंद्र गिरि ने इस फैसले के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद कर कहा कि उनका यह प्रयास विशेषकर नदी, जल, पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम है। इससे अन्य राज्यों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए। धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।