नई दिल्ली: बीते दिनों NDTV की वरिष्ठ पत्रकार निधि राज़दान ने ट्विटर के माध्यम से सभी को सूचित किया था कि वह एक फिशिंग अटैक का शिकार हुई थी। उन्हें हार्वर्ड में किसी भी प्रकार के प्रोफेसर पद के लिए चयनित नहीं किया गया था बल्कि सोची समझी साजिश के तहत गलत मेल भेज उनकी सभी निजी जानकारियों को निकालने का प्रयास किया गया था।
निधि के इस तरह एकाएक अपने को फिशिंग का शिकार बताना ट्विटर पर कई लोगो को रास नहीं आ रहा है। कई मीडिया पोर्टल इसमें कुछ गलत होने की सुगबुगाहट महसूस कर रहे है तो कई हार्वर्ड में जर्नलिज्म का कोई डिपार्टमेंट न होना बताकर निधि पर प्रश्न खड़े कर रहे है। जिस कारण फलाना दिखाना की टीम ने निधि राज़दान से जुड़े इन्ही तथ्यों पर सच्चाई जानने की कोशिश करी है।
आपको बता दें सारा मामला उस समय से जुड़ा है जब वर्ष 2020 के शुरूआती महीनो में निधि हार्वर्ड केनेडी स्कूल में बतौर गेस्ट स्पीकर शामिल हुई थी। उसी दौरान शो के एक कथित आर्गेनाइजर ने निधि से संपर्क कर विश्विद्यालय में निकलने वाली टीचिंग वैकेंसी के बारे में बताया था। जिसके बाद निधि ने एक बार प्रयास करने के चलते अपना सीवी भी सबमिट कर दिया था। जिस मेल आईडी से निधि को ईमेल किया गया था उसका एड्रेस व रुट वेब एड्रेस फलाना दिखाना के पास मौजूद है।
ईमेल एड्रेस के बारे में जब हमने अन्य जानकारियां जुटाई तो हमें कई चौकाने वाली बाते प्राप्त हुई। निधि को जिस मेल आईडी से मेल प्राप्त हुआ था वह harvardcareer.com से जुड़ा हुआ है जोकि किसी चीनी व्यक्ति से जुड़ा है। अधिक जानकारी प्राप्त करने पर हमें ज्ञात हुआ कि यह वेब एड्रेस जनवरी 2020 को ही रजिस्टर किया गया था जिस समय का निधि जिक्र कर रही थी।
निधि के मुताबिक इसी दौरान वह उस कथित आर्गेनाइजर से भी मिली थी जिसने टीचिंग वैकेंसी होने की बाते बताई थी।
वहीं NDTV में ही एडिटोरियल डायरेक्टर के पद पर काम करने वाली सोनिया सिंह को भी निधि के लिए संस्तुति पत्र लिख कर देने के लिए मेल आया था। जिसे देखकर उन्हें भी शक नहीं हुआ था।
खैर हार्वर्ड करियर चीनी व्यक्ति गुआन वांग के नाम से रजिस्टर है जोकि 100 से अधिक फर्जी वेबसाइट को चलाता है।
गुआन से पहले यह डोमेन Ron Elitzur के नाम से रजिस्टर था। जोकि करियर नाम से 28 के करीब साइट चलाता है।
इसके अलावा साइबर सेल के सूत्रों ने हमें बताया कि हार्वर्ड स्कैम की पूरी पड़ताल की जा चुकी है। पड़ताल में दो लोगो के नाम सामने आये है जिन्होंने इस फिशिंग अटैक को अंजाम दिया था। जाँच के मुताबिक फर्जीवाड़े को करने में एक पाकिस्तानी व एक चीनी नागरिक की भूमिका है। हालाँकि इस मामले में दोनों का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है।
मामले में अपराधियों के नाम सामने आने के बावजूद उनपर कुछ बड़ी कार्यवाई नहीं करी जा सकी है।
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