आरक्षण खत्म करने की क्षमता किसी में नहीं : नीतीश कुमार 

बिहार (पटना) : 31 अक्टूबर को बिहार के गया में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नें कार्यकर्ता सम्मेलन का उद्घाटन किया यह कार्यकर्ता सम्मेलन “मगध प्रमंडल स्तरीय जदयू दलित महादलित” के नाम से था | इस कार्यक्रम में नीतीश कुमार नें स्थानीय कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए एससी एसटी समुदाय के लिए उनकी सरकार द्वारा किए कार्यों का बखान किया |

इसमें उनहोंने शोषितों व पिछड़े समुदाय के लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला, उसके जरिए उन्होंने समुदाय के विकास की भी सराहना की |

आरक्षण न खत्म हो, इस पर हरेक कुर्बानी के लिए तैयार हूँ :

सभा को सम्बोधित करते हुए नितीश कुमार नें समाज में  न्याय के साथ विकास की प्रतिबद्धता जाहिर की | प्रदेश में समुदाय के बच्चों को ऊपर उठाने के लिए विशेष योजनाएं बनाई गयीं |

इनमें से उनकी सत्ता के पहले प्रदेश के जो 12 फीसदी बच्चे ही स्कूल का मुंह देख पाते थे आज उनकी संख्या बहुत ज्यादा हो चुकी है | इसमें एससी एसटी, पिछड़े व अल्पसंख्यक समुदाय ही पीछे था लेकिन अब ये विकास की दौड़ में आगे आ रहे हैं |

इसका सारा श्रेय प्रदेश में खासतौर पर दिए गए आरक्षण की व्यवस्था को ही जाता है | इस दौरान नितीश नें विरोधियों को भी आड़े हाथ लिया और कहा कि कुछ लोग आरक्षण की व्यवस्था को खत्म करना चाहते हैं |
इसका उन्होंने दो टूक जबाब देते हुए कहा कि ” आरक्षण नहीं मिलेगा तो हाशिए पर रह रहे लोग मुख्यधारा में कैसे आएंगे ? इस देश में आरक्षण के प्रावधान को खत्म करने की क्षमता किसी में नहीं है, इसके लिए मैं हर कुर्बानी देने को तैयार हूँ | “
“जय भीम” का मतलब बौद्ध धर्म का संदेश है : बिहार सीएम
नीतीश कुमार विरोधियों को जबाब देते हुए यहीं तक नहीं रुके इसके आलावा उन्होंने कहा कि ” जिन्होंने आरक्षण के लिए कुछ भी नहीं किया वो ऐसी बातें करते हैं | गया की धरती महान भूमि है यह ज्ञान एवं मोक्ष की धरा है जब लोग “जय भीम’ कहते हैं तो समझ लें कि बौद्ध धर्म का संदेश, अहिंसा, शांति व सहिष्णुता का है | जब तक आपकी प्रगति नहीं होगी तब तक समाज, प्रदेश व देश का विकास नहीं हो सकता |
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