इंदौर: मध्यप्रदेश की इंदौर पुलिस ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने वाली गैंग के दो और दलालों को गिरफ्तार कर लिया है।
समाचार पत्र दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के हवाले से बताया गया कि गिरफ्तार आरोपियों में से एक यूथ कांग्रेस का जिला उपाध्यक्ष और दूसरा सांवेर का होम्योपैथिक डॉक्टर है। दोनों ने लालच के लिए अपने दोस्तों और परिचितों को 116 नकली इंजेक्शन बेचे थे। एसपी आशुतोष बागरी के अनुसार पकड़ाए आरोपी 33 वर्षीय प्रशांत पाराशर पिता श्रीराम पाराशर निवासी 208 भीम वार्ड बीना जिला सागर और 51 वर्षीय होम्योपैथिक डॉक्टर सरवर पिता मूसा खान निवासी सुभाष मार्ग सांवेर हैं।
प्रशांत सागर में यूथ कांग्रेस का जिला उपाध्यक्ष रहा है। इनके अलावा दवा बाजार के व्यापारी 27 वर्षीय गोविंद पिता मांगीलाल गुप्ता निवासी 344 पल्हर नगर और गौरव ( 36 ) पिता कन्हैयालाल केसवानी निवासी पुष्प रत्न पार्क को भी आरोपी बनाया है। इंदौर लाए गए 1200 इंजेक्शन का पुलिस हिसाब खंगाल रही है। इसमें 700 इंजेक्शन थोक में और 500 फुटकर में बेच दिए। 437 इंजेक्शन का हिसाब भी पुलिस को मिल गया है। 437 इंजेक्शन का हिसाब मिल चुका, अन्य की जानकारी जुटा रही पुलिस।
विजयनगर टीआई तहजीब काजी की टीमको टास्क दिया था फुटकर में कितने इंजेक्शन किसे बेचे हैं। इसका पता लगाया जाए। इसके लिए सिपाही भरत बड़े और कुलदीप के साथ आरोपी सुनील मिश्रा की कॉल डिटेल और सोशल मीडिया अकाउंट खंगाले। इसके मार्फत फुटकर में बेचे 437 इंजेक्शन बेचने का हिसाब मिल चुका है। इन खरीदारों से पुलिस संपर्क कर चुकी है। कुछ बयान देने भी आ चुके हैं। कुछ का कहना कि इंजेक्शन लगाने के बाद भी बीमारी बढ़ गई तो कुछ ने कहा कि नकली की जानकारी लगने से उन्हें फेक दिया या फिर नहीं लगवाए।
आरोपी प्रशांत पाराशर ने भोपाल से इंजीनियरिंग की है। उसे भोपाल से गिरफ्तार किया है। प्रशांत ने इस रैकेट के मुख्य सरगना सुनील मिश्रा से इंजेक्शन खरीदे थे। प्रशांत का कहना है कि उसने 66 इंजेक्शन खरोदे, जबकि सुनील ने उसे 100 इंजेक्शन देना कबूला। प्रशांत ने कबूला कि उसने अपने परिजन और दोस्तों को इंजेक्शन बेचे हैं। इसी दौरान सुनील का फोन आया एक मरीज को एक इंजेक्शन नहीं लग पा रहा है , तुम्हारे पेशेंट के हल क्या है। यह सुनकर प्रशांत समझ गया कि उसे नकली इंजेक्शन दिए हैं। इसलिए उसने बाकी के बचे इंजेक्शन बेतवा नदी में फेंक दिए।
उधर, आरोपी सरवर ने दवा बाजार से आशीष ठाकुर से 60 इंजेक्शन खरीदे थे। 50 इंजेक्शन गुलरेज निवासी सांवेर और 10 एक अन्य को बेच दिए थे। सरगना सुनील मिश्रा को इंदौर में पहली 700 इंजेक्शन की खेप सूरत के फार्मा कंपनी के संचालक पुनीत शाह व कौशल वोरा ने दी थी। 100 इंजेक्शन सुनील ने दवा बाजार के दलाल सुनील लोधी व चीकू शर्मा को दिए। इन दोनों ने दवा व्यापारी आशोष ठाकुर को दिए। उसने दवा कारोबारी गौरव केसवानी व गोविंद गुप्ता को दिए। गोविंद ने होम्योपैथिक डॉ. सरवर को बेचे। 500 इंजेक्शन मिश्रा ने जबलपुर के सिटी हॉस्पिटल को दिए। जब एक खेप खपगई तो मिश्रा ने दूसरी खेप 500 इंजेक्शन बुलवाई , जिसे लेने के लिए वह खुद मुंबई गया। इन इंजेक्शन को 6 व 4 इंजेक्शन का पैकेज बनाकर बेचा।
मदद के नाम पर बेच डाती मानवता प्रशांत कोविड में लोगों की मदद के लिए एक अभियान शुरू किया था । उसी से जुड़े लोगों को उसने नकली इंजेक्शन बेचे हैं। 11 मई को जब रतलाम पुलिस ने भाजपा नेता राजेश माहेश्वरी को पकड़ा तो प्रशांत ने सैशल मीडिया पर उसकी पोस्ट वायरल की थी। यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने एसओएस हेल्पलाइन चालू की थी। इसमें प्रशांत को भोपाल का कोऑर्डिनेटर बनाया था।