नई दिल्ली: सरकार ने संसद में कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए पात्रता अथवा आयु मानदंड को बदलने की कोई योजना नहीं है।
दरअसल भाजपा के लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी ने ओबीसी आरक्षण को लेकर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय से कुछ सवाल पूछे थे:
( क ) वर्तमान में केंद्रीय स्तर पर अन्य पिछड़ा वर्ग ( ओबीसी ) को प्रदान की जा रही आरक्षण की शतों का व्यौरा क्या है ?
( ख ) क्या सरकार ने वर्ष 2018 में संवैधानिक संशोधन के माध्यम से सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों ( ईडब्ल्यूएस ) को दस प्रतिशत आरक्षण का लाभ प्रदान किया है और यदि हां तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है ?
( ग ) क्या सामान्य वर्ग के ईडब्ल्यूएस पात्रता मानदंड की जटिलताओं के कारण उन्हें प्रदान किए गए आरक्षण का लाभ नहीं ले पा रहे हैं, ( घ ) यदि हां, तो क्या सरकार की उक्त श्रेणी के अंतर्गत आरक्षण प्राप्त करने के लिए अचल संपत्ति अर्थात् कृषि भूमि और आवासीय भूखंडों से संबंधित पात्रता मानदंड को समाप्त करने की योजना है;
( ङ ) यदि हां, तो इसे कब तक लागू किए जाने की संभावना है और यदि नहीं , तो इसके क्या कारण है ?
( च ) क्या सरकार की योजना पंचायती राज स्वायत्त नगरपालिका संस्थानों के चुनाव और नौकरियों में आयु में छूट, परीक्षा के प्रयासों की संख्या में छूट और अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण के अनुरूप पात्रता मानदंड में छूट प्रदान करने की है ?
( छ ) यदि हां तो इसे कब तक कार्यान्वित किए जाने की योजना है और यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं ?
सवालों के जवाब देते हुए सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने बताया कि केंद्र सरकार की नौकरियों में सीधी भर्ती और केंद्र सरकार के शैक्षिक संस्थानों में प्रवेश के मामलों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 % आरक्षण प्रदान किया जाता है। जनवरी 2019 से , केंद्र सरकार की नौकरियों में सीधी भर्ती और केंद्र सरकार के शैक्षिक संस्थानों में प्रवेश के मामलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों ( ईडब्ल्यूएस ) को 10 % आरक्षण प्रदान किया जाता है।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय के पास उपलब्ध सूचना के अनुसार, सभी शैक्षिक संस्थानों में ईडब्ल्यूएस आरक्षण पहले से लागू है और पात्र व्यक्तिः इसका लाभ उठा सकते हैं। इस चरण में ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए पात्रता अथवा आयु मानदंड को बदलने की कोई योजना नहीं है।