नई दिल्ली: राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड अब मेजर ध्यानचंद पुरस्कार के नाम से जाना जाएगा जिसकी घोषणा आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की।
एक और जहां भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 41 वर्षों बाद ओलंपिक में पदक का सूखा खत्म कर कांस्य पदक अपने नाम किया है। वही हांकी के लिए आज एक और खुशखबरी आ गई है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा “देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए। लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है। जय हिंद!”
वहींप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस बड़ी घोषणा पर केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि मेजर ध्यानचंद भारत के सबसे प्रसिद्ध और पसंदीदा खेल प्रतीक हैं; यह उचित ही है कि भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान का नाम उन्हीं के नाम पर रखा जाए। उनके जीवन और उपलब्धियों ने उन खिलाड़ियों की पीढ़ियों को प्रेरित किया है जिन्होंने भारत के लिए गौरव हासिल किया है।
क्या है खेल रत्न पुरस्कार ?
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान है। इस पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम से पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखा गया था, यह युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है।
प्राप्तकर्ता (ओं) का चयन मंत्रालय द्वारा गठित एक समिति द्वारा किया जाता है और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर “चार वर्षों की अवधि में खेल के क्षेत्र में शानदार और सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शन” के लिए सम्मानित किया जाता है। 2020 तक, इस पुरस्कार में एक पदक, एक प्रमाण पत्र और 2 लाख का नकद पुरस्कार शामिल है।