हैदराबाद: तेलंगाना सरकार ने राज्य में शराब की दुकानों के आवंटन में गौड़, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण देने का फैसला किया है। राज्य मंत्रिमंडल ने गौड़ को 15 फीसदी, एससी को 10 फीसदी और एसटी को 5 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की अध्यक्षता में छह घंटे चली कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है। साथ ही आबकारी विभाग ने यह भी कहा है कि वे एससी और एसटी समुदायों को लाइसेंस शुल्क और आवेदन शुल्क में रियायत दे सकते हैं। इससे पहले सरकार ने घोषणा की थी कि पिछड़ी जातियों के बीच उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए, वह शराब की दुकानों के टेंडर और नीलामी में आरक्षण प्रदान करेगी।
1 नवंबर से शुरू हो रहे नए आबकारी वर्ष से राज्य में शराब की दुकानें खोलने के लिए पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिए आरक्षण का यह नियम लागू होगा।
राज्य सरकार ने फिलहाल 2,216 शराब की दुकानों को लाइसेंस दिया है। कैबिनेट द्वारा स्वीकृत कोटे से इन वर्गों को 554 दुकानें दिलाने में मदद मिलेगी। तेलंगाना सरकार को शराब के लाइसेंस और बिक्री से सालाना 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई होती है।
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Young Journalist covering Rural India, Investigation, Fact Check and Uttar Pradesh.