नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र के बाद मध्यप्रदेश में भी पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण पर रोक लग गई है। उधर राज्य चुनाव आयोग ने भी आरक्षण की प्रक्रिया स्थगित कर दी है।
राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पंच, सरपंच, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत सदस्य के पदों की निर्वाचन प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है।
सचिव राज्य निर्वाचन आयोग बी. एस.जामोद ने जानकारी देते हुए बताया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के पालन में मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रिस्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन वर्ष 2021-22 के लिए जारी कार्यक्रम के अंतर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पंच ,सरपंच, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत सदस्य के पदों की निर्वाचन प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में कार्यवाही के लिए सभी कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए गए हैं।
जिला पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण की कार्यवाही स्थगित
इससे पहले मध्यप्रदेश पंचायत राज निर्वाचन के अंतर्गत राज्य शासन द्वारा जिला पंचायत के अध्यक्ष के पदों के आरक्षण की कार्यवाही अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दी गई है।
मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 32 एवं मध्यप्रदेश पंचायत निर्वाचन नियम 1995 के अनुसार जिला पंचायत अध्यक्ष के पद के लिये अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग तथा सभी वर्गों की महिलाओं के आरक्षण की कार्यवाही 18 दिसम्बर 2021 शनिवार को दोपहर 12 बजे से जल एवं भूमि प्रबंध संस्थान (वाल्मी) भोपाल के ऑडिटोरियम में की जानी थी, जिसे स्थगित कर दिया गया है। इस संबंध में आगामी तिथि की सूचना पृथक से दी जायेगी।
ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की रोक
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव से एक महीने से भी कम समय पहले, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य चुनाव आयोग के कार्यालय को ओबीसी-आरक्षित सीटों पर सभी स्थानीय निकाय मतदान पर रोक लगाने और सामान्य वर्ग के तहत फिर से अधिसूचित करने का निर्देश दिया था।