असुविधा का मारा किसान खेती तो देहात छोंड़ रहा है देहाती : उपराष्ट्रपति

मुंबई : खेतीहर मजदूर व किसानों की हालत देश में भला किसे पता नहीं है लेकिन इसका हल क्या होगा वो अभी तक किसानों के सामनें नहीं आ पाया है ? जो पेट भरनें वाले किसान हैं आज वही अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है |

पिछले दिनों 2 अक्टू. को हिंसा के पुजारी बापू व जय जवान जय किसान का नारा देने वाले लाल बहादुर शास्त्री के जयंती पर दिल्ली की सीमा में किसानों के ऊपर चली लाठियों को कौन भुला सकता है ?

वहीं चुनावी राज्य एमपी में किसान आंदोलन के सीने की गोलियों का दर्द आज भी मारे गए किसानों के परिवार बयां करते हैं | ऐसी ही कुछ तकलीफों को देश के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू नें भी मुंबई में उजागर कर जल्द उन्हें हल करने की सलाह दी |

खेती के लिए सहकारी समितियों को बढ़ावा दिया जाए : श्री नायडू

भले ही किसान हजार मुश्किलों से जूझ रहा है लेकिन उसके लिए कोई न कोई तो हल जरूर निकालना पड़ेगा | इसी बात पर देश के राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू नें मुंबई विश्वविद्यालय में  ” लक्ष्मणराव ईमानदार स्मृति व्याख्यान ” समारोह में जोर डाला , कहा कि देश में 8.5 लाख सहकारी समितियां हैं जोकि किसी भी देश में नहीं है |

pc: jagran

लेकिन विदेशों की तरह इनको भी मजबूती मिले और ये खुद के पैरों में खड़ी हों, आगे चल कर के खेती के लिए इनका योगदान काफ़ी फायदे का सौदा बन सकता है |

क्योंकि ये समितियां नौकरशाही, राजनीतिकरण व गलत प्रबंधन का शिकार हुई हैं, जिसे ठीक कर इन्हें किसानी के लिए सरकार व किसानों के बीच का चैनल बनाया जा सकता है ताकि किसानों तक ठीक तरह से योजनाओं पहुंच सकें | इनका उपयोग स्वास्थ्य, खाद्यान्न, रिटेल जैसे कई कार्यों के लिए भी किया जा सकता है |

असुविधा के मारे बेचारे छोंड़ रहे हैं गाँव घर :  

श्री नायडू नें जहां किसानों के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती पर जोर दिया वहीं गाँव, कस्बों की भीषण परेशानी यानी पलायन को भी उजागर किया | और कहा कि जागरूकता की कमी, मानसून की अनियमितता, बाजार व भंडारण के कारण किसान खेती को अलविदा कह रहे हैं |

पलायन करते किसान के लिए इमेज परिणाम

जिसका प्रभाव यह है कि बड़ी मात्रा में लोग गाँव को छोंड़ शहर की ओर कूच कर रहे हैं | जिसका हल हमें तुरंत खोजना होगा और इसके लिए सभी सरकारों को अपनी प्रतिबद्धता दिखानी होगी | क्योंकि आज भी देश की 56% आबादी खेती पर टिकी हुई है |

+ posts

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

प्रभु श्री राम अब रामेश्वरम् से आने वाली “श्री रामायण एक्सप्रेस” वाया दिल्ली से जाएँगे अयोध्या

Next Story

SC-ST एक्ट पर तो संसद में बात ही नहीं हो रही: राजा भैया

Latest from Uncategorized

राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: ‘भंगी’, ‘नीच’, ‘भिखारी’ जैसे शब्द जातिसूचक नहीं, SC/ST एक्ट के आरोप खारिज

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने 2011 के एक मामले में अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 (SC/ST…