मधुबनी: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी पर आपत्तिजनक बयान देने वाले गजेंद्र झा को भाजपा ने पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
मंगलवार शाम देर शाम प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य गजेंद्र झा को जारी एक पत्र में भाजपा ने कहा कि उनके द्वारा की गई अमर्यादित बयान से पार्टी को आघात हुई है। अतः उनको पार्टी से निष्काषित किया जाता है। जो तत्काल के प्रभाव से लागू होगा।
पत्र में गजेंद्र को 15 दिन के अन्दर अपना स्पष्टीकरण जिला कार्यालय को सौपने को कहा गया है।
गजेंद्र झा ने इस पत्र को सोशल मीडिया पर भी भी साझा किया है। उन्होंने लिखा कि, “जिस किसी को भी पार्टी से निकाले जाने का डर है वो मेरा साथ छोर दें। इस पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए इस ब्राह्मण नेता (शंकर झा, जिला अध्यक्ष, मधुबनी) का हाथ नहीं काॅपा होगा क्या ?”
इससे पहले अपने बयान को लेकर गजेंद्र ने कहा कि वो अपने बयान पर अभी भी अडिग हैं और तब तक बयान को वापस नहीं लेंगे जब तक जीतनराम मांझी अपने ब्राह्मण विरोधी बयान को सार्वजनिक मंच से वापस नहीं ले लेते और माफी नहीं मांग लेते।
जनेऊ तोड़कर राजनीति नहीं करता
उन्होंने कहा कि मैं भाजपा नेता से पहले ब्राह्मण हूँ और समाज की रक्षा करना मेरा परम् कर्तव्य है। मैं जमीर बेचकर राजनीति नहीं करता, मैं जनेऊ तोड़कर राजनीति नहीं करता, जिसदिन ऐसा करना होगा उसदिन मैं राजनीति छोड़ दूंगा। मैं भाजपा के सिपाही हूँ आदेश को सिर आंखों पर लेकर स्वतः ही पार्टी से निकल जाऊंगा।
उन्होंने कहा कि इस धर्मयुद्ध में अभिमन्यु की तरह शहीद होने चल पड़ा हूँ अब सनातनियों को सोचना है कि इस युद्ध में वो हमारे साथ हैं या नहीं। ब्राह्मणों के लिए अपने अंतिम लहू तक लड़ता रहूंगा।
क्या था आपत्तिजनक बयान !
गजेंद्र झा ने मांझी के ब्राह्मण विरोधी बयान के पलटवार में कहा था कि यह ब्राह्मणों के सम्मान और स्वाभिमान की बात है, जो भी ब्राह्मण का बेटा मांझी की जीभ काट कर लायेगा, उसे मैं 11 लाख का इनाम दूंगा और जीवन भर उसका भरण पोषण करूँगा।