चंडीगढ़: निजी क्षेत्र में राज्य के लोगों के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण देने के खट्टर सरकार के फैसले को हाई कोर्ट से झटका लगा है। चंडीगढ़ हाई कोर्ट ने राज्य के इस फैसले पर फ़िलहाल रोक लगा दी है। सरकार के फैसले को हाई कोर्ट में फरीदाबाद इंडस्ट्रियल एसोसिएशन द्वारा चुनौती दी गई थी जिसपर कोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया है।
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा कि राज्य में 75 फीसदी आरक्षण देने से निजी क्षेत्र में योग्यता का हनन होगा। फरीदाबाद इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के मुताबिक नियोक्ताओं से कर्मचारी को चुनने का अधिकार ले लिया जाएगा तो उद्योग जगत को भारी झटका लगेगा जोकि राज्य के लिए भी घातक साबित होगा।
याची ने आगे कहा कि यह कानून योग्यता के बदले रिहायश के आधार पर निजी क्षेत्र में नौकरी पाने की पद्धति को शुरू करने का प्रयास है। ऐसा हुआ तो हरियाणा में निजी क्षेत्र में रोजगार को लेकर अराजकता की स्थिति पैदा हो जाएगी। यह कानून निजी क्षेत्र के विकास को भी बाधित करेगा और इसके कारण राज्य से उद्योग पलायन भी आरंभ कर सकते हैं।
कोर्ट से रोजगार अधिनियम 2020 को निरस्त करने की भी मांग की गई है।